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NCERT class 6 geography notes and question answer with mcq समाजिक विज्ञान भूगोल क्लास 6 प्रश्न उत्तर नोट्स

NCERT CLASS (6) Social science (Geography) सामाजिक विज्ञान (भूगोल) कक्षा 6

   पाठ - 1 सौरमंडल में पृथ्वी  (the earth in the solar system).  ....

पूर्णिमा (full moon night) - पूर्ण चंद्रमा वाली रात या पूर्णिमा होती है। पंद्रह दिन के बाद आप इसे नहीं देख सकते। यह नये चंद्रमा की रात्रि या अमावस्या होती है।

अमावस्या (new moon) - पूर्णिमा के पंद्रह दिन के बाद चंद्रमा नहीं दिखाई देता है । यह नये चंद्रमा की रात्रि या अमावस्या होती है।

खगोलीय पिंड (celestial bodies) - सूर्य, चंद्रमा तथा वे सभी वस्तुएँ जो रात के समय आसमान में चमकती हैं, खगोलीय पिंड कहलाती हैं।

तारा (star) - कुछ खगोलीय पिंड बड़े आकार वाले तथा गर्म होते हैं। ये गैसों से बने होते हैं। इनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है, इन खगोलीय पिंडों को तारा कहते हैं। 

नक्षत्रमंडल (constellations) - तारों के विभिन्न समूहों द्वारा बनाई गई विविध आकृतियां नक्षत्रमंडल कहलाते हैं।

अर्सा मेजर / बिग बीयर (Ursa Major /Big Bear) - अर्सा मेजर एक बड़ा तारामंडल है, इसी तारामंडल का एक भाग सप्तऋषि तारा समूह है। चित्र में देखा जा सकता है;-

ध्रुव तारा (Pole Star)  - इसे उत्तरी तारा (North star) भी कहते हैं। प्राचीन समय में, लोग रात्रि में दिशा का निर्धारण इसी से करते थे। 

ग्रह (planets) - वैसे खगोलीय पिंड जिनमें अपना प्रकाश एवं ऊष्मा नहीं होता ऐसे पिंड ग्रह कहलाते हैं। ये सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। Planet शब्द ग्रीक भाषा के planetai शब्द से बना है। जिसका अर्थ होता है चारों ओर घूमने वाला। 

सौरमंडल (solar system) - सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड, जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल (सौर परिवार) का निर्माण करते हैं। जिसका मुखिया सूर्य है।

सूर्य (sun) - सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है। सूर्य की अपार ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया है।

ग्रह (plants) - हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह हैं। 

सूर्य से दूरी के अनुसार : बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेष्च्यून।

My - Very - Efficient - Mother - Just - Served - Us - Nuts

Mercury Venus Earth Mars Jupiter Saturn Uranus Neptune 

ग्रह छोटा से बड़ा क्रम : बुध , मंगल , शुक्र , पृथ्वी , अरुण , बरुण , शनि , बृहस्पति। 

आंतरिक ग्रह (बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल) - ये सभी ग्रह सूर्य के नजदीक हैं और ठोस चद्टानों से बने हैं। 

बाह्म ग्रह (वृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण) - सूर्य से बहुत दूर हैं तथा बहुत बड़े आकर के हैं। ये गैस और तरल पदाथों से बने हैं।


पृथ्वी का जुड़वॉं ग्रह (‘Earth’s-twin’) - शुक्र को पृथ्वी का जुड़वॉं ग्रह माना जाता है, क्योंकि इसका आकार एवं आकृति लगभग पृथ्वी के ही समान है।

बौने ग्रह (‘dwarf planets.”) - हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह माने जाते थे। यह 9वां ग्रह प्लूटो था। परन्तु अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संगठन ने अपनी बैठक (अगस्त 2006 ) में यह निर्णय लिया कि प्लूटो और अन्य खगोलीय पिण्ड (2003 UB313 ,Ceres) को 'बौने ग्रह' कहे जाएंगे। 

नीला ग्रह - पृथ्वी की दो-तिहाई सतह पानी से ढकी हुई है। इसलिए इसे, नीला ग्रह कहा जाता है।

प्रकाश की गति - प्रकाश की गति लगभग 3,00,000 किमी./प्रति सेकेंड है। इस गति के बावजूद सूर्ये के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 8 मिनट का समय लगता है।

चंद्रमा - चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3,84,400 किलोमीटर दूर है। चंद्रमा द्वारा परावर्तित प्रकाश हम तक सवा सेकंड में पहुंचता है। 

नील आर्मस्ट्रांग - नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 20 जुलाई 1969 को सबसे पहले चंद्रमा की सतह पर कदम रखा।

अंतरिक्ष में भारतीय उपग्रह - अंतरिक्ष में उपस्थित कुछ भारतीय उपग्रह INSAT,

IRS, EDUSAT इत्यादि हैं।

चंद्रमा का परिक्रमा काल - चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 27 दिन में पूरा करता है। लगभग इतने ही समय में यह अपने अक्ष पर एक चक्कर भी पूरा करता है। परिणाम स्वरुप हमें चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई पड़ता है। 

क्षुद्र ग्रह (asteroids/ minor planets/ planetoids) - क्षुद्र ग्रह, ग्रह के ही भाग होते हैं, जो कि बहुत वर्ष पहले विस्फोट के बाद ग्रहों से टूटकर अलग हो गए। क्षुद्र ग्रह मंगल एवं बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं , जो ग्रहों की तरह ही सूर्य का परिक्रमा करते हैं । 

**** उल्कापिंड (Meteoroids) - उल्कापिंड , क्षुद्र ग्रहों से टुटकर बने हुए पिंड होते हैं। ये क्षुद्र ग्रहों से छोटे होते हैं। 

*** धूमकेतु (comets) - 

आकाशगंगा (galaxy/ milky way) - आकाश में प्रकाश की एक बहती नदी सी संचरना दिखाई पड़ती है , इसे आकाशगंगा कहते हैं। यह करोड़ों तारों का समुह होता है । हमारा सौरमंडल भी इसी आकाशगंगा का हिस्सा है।

ब्रह्मांड (universe) - लाखों करोड़ों आकाशगंगाएं मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करते हैं। ब्रह्मांड अनंत है। इसकी कोई सीमा नहीं है। 

NCERT BOOK EXERCISE अभ्यास - 

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए। 

(i) ग्रह और तारे में क्या अंतर है?

उत्तर - 

तारे (Stars)

ग्रह (planets)

ये अपना प्रकाश तथा उष्मा स्वयं उत्पन्न करता है। और अपनी प्रकाश से चमकते हैं। 

इनमें अपना प्रकाश तथा उष्मा नहीं होता है। ये तारों के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। 

तारे सूर्य की परिक्रमा नहीं करते हैं। 

ग्रह सूर्य का परिक्रमा करते हैं। 

तारे आकर में बहुत बड़े और विशाल होते हैं। 

ग्रह तारों की अपेक्षा बहुत छोटे होते हैं। 


(ii) सौरमंडल (solar system) से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड, जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्कापिंड मिलकर सौरमंडल (सौर परिवार) का निर्माण करते हैं। जिसका मुखिया सूर्य है।

(iii) सूर्य से उनकी दूरी के अनुसार सभी ग्रहों के नाम लिखें।

उत्तर - हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे हैं : बुध (mercury), शुक्र (Venus), पृथ्वी (earth), मंगल (mars), बृहस्पति (Jupiter), शनि (saturn), यूरेनस (Uranus) तथा नेष्च्यून (Neptune)।

(iv) पृथ्वी को अद्भुत ग्रह क्यों कहा जाता है?

उत्तर - पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है, पृथ्वी ना तो अधिक गर्म है और नहीं अधिक ठंडा है, यहां जीवन के लिए आवश्यक गैसें जैसे ऑक्सीजन हैं। इन्हीं सब कारणों से पृथ्वी को अद्भुत ग्रह कहा जाता है। 

(v) हम हमेशा चंद्रमा के एक ही भाग को क्यों देख पाते हैं ?

उत्तर - चंद्रमा पृथ्वी का एक प्राकृतिक उपग्रह है। चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 27 दिन में पूरा करता है। लगभग इतने ही समय में यह अपने अक्ष पर एक चक्कर भी पूरा करता है इसके परिणाम स्वरूप पृथ्वी से हमें चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई देता है।

(vi) ब्रह्मांड क्या है?

उत्तर - सब-कुछ ब्रह्माण्ड के अंदर ही है, ब्रह्मांड अंतहीन है। ब्रह्मांड के अंदर अनगिनत आकाशगंगाएं,इन आकाशगंगाओं में अरबों तारे और कई सौर मंडल, ग्रह, उपग्रह, धूमकेतु आदि मौजूद हैं।

Note- खगोलीय पिंडों एवं उनकी गति के संबंध में अध्ययन करने वालों को खगोलशास्त्री कहते हैं। आर्यभट्ट प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री थे। उन्होंने कहा था कि सभी ग्रह तथा चन्द्रमा परावर्तित सूर्यप्रकाश के कारण चमकते हैं।

परिभ्रमण और परिक्रमण - ग्रहों का अपने अक्ष पर घूमना 'घूर्णन' या 'परिभ्रमण (Rotation) कहलाता है जबकि उनका सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाना 'परिक्रमण' (Revolution) कहलाता है।

शुक्र और यूरनेस को छोड़कर अन्य सभी ग्रहों के घूर्णन और परिक्रमण की दिशा एक ही रहती है। शुक्र एवं अरुण की घूर्णन और परिक्रमण दिशा विपरीत (पूरब से पश्चिम) अर्थात् दक्षिणावर्त है, जबकि अन्य सभी ग्रहों की वामावर्त है।

पृथ्वी का परिक्रमण काल - 365 दिन , 5 घंटा , 48 मिनट , 46 सेकंड। 

पृथ्वी का घूर्णन काल - 23 घंटा , 56 मिनट , 4 सेकंड। 




3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए। 

(i) किस ग्रह को 'लाल ग्रह' कहते हैं?

उत्तर: मंगल ग्रह को लाल ग्रह कहा जाता है। 


(ii) सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन-सा है?

उत्तर: सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है। 


(iii) पृथ्वी का आकार कैसा है?

उत्तर: पृथ्वी अपने ध्रुवों पर थोड़ी चपटी है इस कारण इसका आकार भू - आभ है। अर्थात इसका आकार संतरे की तरह है। 


(iv) ग्रह किसे कहते हैं?

उत्तर: वैसे खगोलीय पिंड जिनमें अपना प्रकाश एवं ऊष्मा नहीं होता ऐसे पिंड ग्रह कहलाते हैं। ये सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे हैं : बुध , शुक्र , पृथ्वी , मंगल , बृहस्पति , शनि, यूरेनस तथा नेष्च्यून।


(v) ग्रह और तारा में क्या अंतर है?

उत्तर: 


तारे (Stars)

ग्रह (planets)

ये अपना प्रकाश तथा उष्मा स्वयं उत्पन्न करता है। और अपनी प्रकाश से चमकते हैं। 

इनमें अपना प्रकाश तथा उष्मा नहीं होता है। ये तारों के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। 

तारे सूर्य की परिक्रमा नहीं करते हैं। 

ग्रह सूर्य का परिक्रमा करते हैं। 

तारे आकर में बहुत बड़े और विशाल होते हैं। 

ग्रह तारों की अपेक्षा बहुत छोटे होते हैं। 


  • (vi) पृथ्वी को अदभुत ग्रह क्यों कहा जाता है?

उत्तर: पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है, पृथ्वी ना तो अधिक गर्म है और नहीं अधिक ठंडा है, यहां जीवन के लिए आवश्यक गैसें जैसे ऑक्सीजन हैं। इन्हीं सब कारणों से पृथ्वी को अद्भुत ग्रह कहा जाता है। 


पाठ - 2 ग्लोब : अक्षांश एवं देशांतर (Glob : Latitude and Longitude

— पृथ्वी पश्चिम से पूर्व बने है। 

भूमध्य रेखा / विषुवत् वृत्त (equator) - यह रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाटती है। ऊपर वाला भाग उत्तरी गोलार्ध तथा नीचे वाला भाग दक्षिणी गोलार्ध कहलाता है। 

अक्षांश (समांतर) रेखाएँ (parallels of latitudes) - भूमध्य रेखा (0°) पर , कर्क (23½° उ.) , मकर रेखा (23½° उ.) , उत्तरी ध्रुव वृत्त (66½° उ.) , दक्षिण ध्रुव वृत्त (66½° द.)

देशांतर रेखाएं (Longitude) - उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को देशान्तर रेखा कहा जाता है। 

— अक्षांश रेखाएं समानांतर होते हैं , देशांतर रेखाएं एक दूसरे के समानांतर नहीं होते हैं। ध्रुवों से भूमध्य रेखा की ओर जाने पर देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी बढ़ती है। 

भारत से गुजरने वाली कर्क रेखा - “ गमछा झार मित्र पर

(ग) गुजरात , (म) मध्यप्रदेश (छा) छत्तीसगढ़ 

(झा) झारखंड (र) राजस्थान 

(मि)  मिजोरम (त्र) त्रिपुरा (पर) पश्चिम बंगाल


0° देशान्तर रेखा - इसे याम्योत्तर / प्रधान मध्याहन / ग्रीनविच / अंतर्राष्ट्रीय समय  रेखा भी कहते हैं। 0° देशान्तर रेखा और 180° देशान्तर रेखा एक दूसरे के विपरित होते हैं। 

भारत का मानक याम्योत्तर (meridian)

भारत का मानक याम्योत्तर 82°½ पूू (82° 30’ पू.) है। यहां का समय ग्रीनविच समय से 5: 30 घंटा आगे है। 

अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा -  0° देशान्तर रेखा का उपयोग समय निर्धारण में किया जाता है, इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय समय रेखा कहते हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा - 180° देशान्तर रेखा का उपयोग तिथि निर्धारण में किया जाता है, इसलिए इसे अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं। 

………………….……….प्रश्न उत्तर………………..……

1) देशांतर रेखाओ की संख्या कितनी 

a) 24             b) 90           c) 180         d) 360

2) विषुवत रेखा के समनांतर कल्पित रेखाएं क्या कहलाती है ?

a) अक्षांश रेखाए      b) देशांतर रेखाएं       c) ग्रीनविच रेखा        d) मिलन रेखा

3) पृथ्वी के उत्तरी धुव एवं दक्षिणी धुव को मिलाने वाली रेखा क्या कहलाती है ?

a) अक्षांश रेखा      b) देशांतर रेखा     c) अंतर्राण्ट्रीय रेखा        d) मिलन रेखा

4) प्रधान मध्याहन रेखा किस स्थान से होकर गुजरती है ?

a) ग्रीनविच      b) सिडनी        c) ग्रीनलिंड         d) इलाहाबाद

5) ग्रीनविच रेखा से तात्पर्य है ?

  1. 0° अक्षांश रेखा      b) 0° देशांतर रेखा   c) 180° पूर्वी देशांतर रेखा 

6) पृथ्वी एक घंटे में कितना देशांतर घूम लेती है ?

a) 12°        b) 15°         c) 18°        d) 20°

৪) कर्क रेखा कहाँ से नहीं गुजरती है ?

a) म्यांमार         b) नेपाल           c) बांग्लादेश           d) चीन

9) यहाँ पर दिन तथा रात एक सामान होते है ?

a) प्रमुख याम्योत्तर    b) अन्टार्कटिका.   c) भूमध्य रेखा    d) धुव

14) एक देशांतर से दुसरे देशांतर के बीच कितना समयांतराल होता है? 

(a) 15 मिनट   (b) 4 मिनट   c)  1 घंटा

15) दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दुरी लगभग होती है ?

a) 111 मिल     b) 121 मिल      c) 111 किमी    d) 121 किमी.

29) किसी जगह का स्थानीय समय प्रातः 6:00 है जबकि ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) प्रातः 3:00 है । उस जगह की देशांतर रेखा क्या होगी ?

a) 45 ० पश्चिम     b) 45° पूर्व     c) 120° पूर्व     d) 120 ० पश्चिम

— क्योंकि 1 घंटा में 15° घुमता है, अतः 3 घंटा में 45° देशांतर घुमेगी। 

31) यदि दो स्थानों के बीच का समय अंतराल 2 घंटा 20 मिनट है तो देशांतर में अंतर होगा ?

a) 45°     b) 30°    c) 40°    d) 35°

— 2 घंटा = 15×2 = 30° और 20 मिनट = 20/4 =  

32) ग्रीनविच किस देश में है ?

a) U.S.A      b) U.K      c) होलैंड      d) भारत

33) काहिरा का समय गीनविच से 2 घंटा आगे है, अतः यह स्थित है ?

a) 30° पश्चिमी देशांतर पर    b) 30° पूर्वी देशांतर पर    c) 28° पूर्वी देशांतर पर        d) 28° पंश्चिमी देशांतर पर

35) अंतर्राष्ट्रीय दिनांक रेखा खिंची जाती है ?

a) प्रशांत महासागर से होकर         b) एशिया से होकर       c) अटलाटिका से होकर d) अफ्रीका से होकर

36) निम्नलिखित में से 0° अक्षांश और 0 देशांतर की भौगोलिक स्थिति है ?

a) भूमध्यसागर          b) इंग्लैण्ड़ में ग्रीनविच वेधशाला पर.                                   c)  दक्षिणी अटलांटिक महासागर में         d) पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना में

………………NCERT….प्रश्न उत्तर………………..……

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए। 

(i) पृथ्वी का सही आकार क्या है?

उत्तर - पृथ्वी गोलाकार नहीं है। यह उत्तर एवं दक्षिण ध्रुर्वों पर थोड़ी चपटी तथा मध्य में थोड़ी उभरी हुई है।

(ii) ग्लोब क्या है?

उत्तर - ग्लोब पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप है। ग्लोब पर देशों, महाद्वीपों तथा महासागरों को उनके सही आकार में दिखाया जाता है।

(iii) कर्क रेखा का अक्षांशीय मान क्या है?

उत्तर - कर्क रेखा का अक्षांशीय मान 23½ डिग्री है। 

(iv) पृथ्वी के तीन ताप कटिबंध कौन-से हैं?

उत्तर - पृथ्वी को तीन ताप कटिबंध यानी उष्ण कटिबंध, शीतोष्ण कटिबंध और शीत कटिबंध में बांटा गया है।

(v) अक्षाश एवं देशांतर रेखाएँ क्या हैं?

उत्तर - पृथ्वी में किसी स्थान की भौगोलिक स्थिति का निर्धारण अक्षांश (latitude) और देशांतर (Longitude) रेखाओं द्वारा किया जाता है। किसी स्थान का अक्षांश (latitude), धरातल पर उस स्थान की “उत्तर से दक्षिण” की स्थिति को तथा किसी स्थान का देशांतर (Longitude), धरातल पर उस स्थान की “पूर्व से पश्चिम” की स्थिति को प्रदर्शित करता है।

—---- अक्षांश रेखाएँ – ये वे काल्पनिक रेखाएँ हैं जो पूर्व से पश्चिम की ओर विषुवत् वृत्त के समानांतर ध्रुवों तक खींची गई हैं। इनकी लंबाई अलग-अलग होती है।

—----- देशांतर रेखाएँ – वे काल्पनिक रेखाएँ हैं जो विषुवत् वृत्त को काटती हैं और उत्तरी ध्रुव व दक्षिण ध्रुव को जोड़ती हैं। इनकी लंबाई बराबर होती है।।

(vi) ऊष्मा की सबसे अधिक मात्रा उष्ण कटिबंध क्यों प्राप्त करते हैं?

उत्तर - कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है।

(vii) जब भारत में शाम के 5:30 बजते हैं, तब लंदन में दोपहर के 12 क्यों बजते हैं?

उत्तर - भारत ग्रीनविच के पूर्व 82°30′ में स्थित है तथा भारत का समय लंदन से 5 घंटे 30 मिनट आगे है, क्योंकि देशांतर के प्रत्येक अंश में 4 मिनट का अंतर होता है। इसलिए जब लंदन में दोपहर के 12 बजते हैं तो भारत में शाम के 5:30 बजते हैं।

पाठ - 3 पृथ्वी की गतियां  (motions of the earth)

घूर्णन (Rotation ) - पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है।

परिक्रमण (Revolution) - सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं। पृथ्वी 1 वर्ष (365¼ दिन) में सूर्य का चक्कर लगाती है। 1 वर्ष 365 दिन का माना जाता है सुविधा के लिए 6 घंटे को इसमें नहीं जोड़ा जाता है। 

लीप वर्ष (leap year) - लीप वर्ष प्रत्येक 4 वर्ष में आता है, क्योंकि जो प्रत्येक वर्ष 6 घंटा जो बचता है, वह 4 वर्ष में 1 दिन बन जाता है, जिसे फरवरी माह में हर चौथे वर्ष में जोड़ दिया जाता है, तब फरवरी 28 की जगह 29 दिन का होता है और यह वर्ष 366 दिन का हो जाता है, इसे अधिवर्ष leap year कहा जाता है। 

कक्षीय समतल (orbit plane) - वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है, उसे कक्षीय समतल कहते हैं।

पृथ्वी का अक्ष - पृथ्वी का अक्ष इसके कक्षीय सतह से 66½° का कोण बनाती है। और पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुईं हैं।

प्रदीप्त वृत्त (circle of illumination) - ग्लोब पर वह वृत्त जो दिन तथा रात को विभाजित करता है उसे प्रदीप्ति वृत्त कहते हैं।

आर्यभट्ट - आर्यभट्ट प्राचीन भारतीय खगोल शास्त्री थे, जिन्होंने यह बताया था कि पृथ्वी गोल है और अपने अक्ष पर घूर्णन करती है। 

ऋतु (season) - सामान्यत: एक वर्ष को गर्मी, सर्दी , वसंत एवं शरद् ऋतुओं में बॉटा जाता है। ऋतुओं में परिवर्तन सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है।

उत्तर अयनांत (summer solstice) - 21 जून को उत्तरी ध्रुव का सूर्य की ओर झुका होने के कारण कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में :-

  1. सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात वाले ग्रीष्म ऋतु होती है। 

  2. पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते हैं। 


दक्षिण अयनांत (winter solstice) - 22 दिसम्बर को दक्षिणी ध्रुव का सूर्य की ओर झुका होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इस दिन दक्षिणी गोलार्ध में :-

  1. सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात वाले ग्रीष्म ऋतु होता है। 

  2. इसे दक्षिण अयनांत कहते हैं। 


विषुव (equinox) - 21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत् वृत्त/ भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इस अवस्था में कोई भी ध्रव सूर्य की ओर नहीं झुका होता है, इसलिए पूरी पृथ्वी पर रात एवं दिन बराबर होते हैं। इसे विषुव कहा जाता है।

23 सितम्बर को :- 

  1. उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु , जबकि दक्षिणी गोलार्ध में बसंत ऋतु होते हैं। 

21 मार्च को:- 

  1. उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु , जबकि दक्षिणी गोलार्ध में शरद ऋतु होते हैं। 


………………NCERT….प्रश्न उत्तर………………..……

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेष में दीजिए। 

(i) पृथ्वी के अक्ष का झुकाव कोण क्या है?

उत्तर - पृथ्वी के अक्ष का उसके कक्षीय तल के साथ झुकाव कोण 66½° है।

(ii) घूर्णन एवं परिक्रमण को परिभाषित करें। 

उत्तर - पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है, जबकि पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर एक निश्चित पथ (कक्षा) में परिक्रमा करना परिक्रमण कहलाता है।

(iii) लीप वर्ष क्या है?

उत्तर - हर चौथे वर्ष फरवरी में 28 दिनों की जगह 29 दिन होते हैं। 366 दिनों वाले ऐसे वर्ष को लीप वर्ष कहा जाता है।

(iv) उत्तर एवं दक्षिण अयनांतों में अंतर बताइए। 

उत्तर - 

अयनांत (summer solstice)

दक्षिण अयनांत (winter solstice)

यह 21 जून को को होता है। 

यह 22 दिसम्बर को होता है।

इस दिन उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका रहता है। 

इस दिन दक्षिणी ध्रुव सूर्य की ओर झुका रहता है।

कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं।

मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं।

उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है।

दक्षिणी गोलार्ध में लंबा दिन और छोटी रात वाले ग्रीष्म ऋतु होता है।


(v) विषुव क्या है?

उत्तर -  विषुव (equinox) - 21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत् वृत्त/ भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इस अवस्था में कोई भी ध्रव सूर्य की ओर नहीं झुका होता है, इसलिए पूरी पृथ्वी पर रात एवं दिन बराबर होते हैं। इसे विषुव कहा जाता है।

23 सितम्बर को :- 

  1. उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु , जबकि दक्षिणी गोलार्ध में बसंत ऋतु होते हैं। 

21 मार्च को:- 

  1. उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु , जबकि दक्षिणी गोलार्ध में शरद ऋतु होते हैं। 

(vi) दक्षिणी गोलार्ध में उत्तरी गोलार्ध की अपेक्षा उत्तर एवं दक्षिण का आयनांत अलग- अलग समय में होता है. क्यों?

उत्तर - पृथ्वी हमेशा घूमती रहती है, और यह दो गोलार्धों में विभाजित है। पृथ्वी का जो भाग सूर्य की ओर होता है, वहाँ गर्मी पड़ती है, और जो भाग सूर्य से दूर होता है, वहाँ सर्दी पड़ती है। इसलिए, दक्षिणी गोलार्ध में उत्तरी गोलार्थ की तुलना में अलग-अलग समय पर शीतकालीन और ग्रीष्कालीन संक्रांति होती है।

(v) भ्रुवों पर लगभग 6 महीने का दिन एवं 6 महीने की रात होती है, क्यों?

उत्तर - 21 मार्च से 23 सितम्बर के बीच लगभग 6 महीने उत्तरी ध्रुव पर लगातार सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसलिए उत्तरी ध्रुव पर 6 महीने दिन रहता है और दक्षिणी ध्रुव पर रात होती है। उसी तरह 23 सितम्बर से 21 मार्च के बीच दक्षिणी ध्रुव पर लगातार सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसलिए दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने दिन रहता है और उत्तरी ध्रुव पर रात होती है।

                         पाठ - 4 मानचित्र  (map).......        .......          

मानचित्र (map) - पृथ्वी के सतह के किसी भाग के स्थानों, नगरों, देशों, पर्वत, नदी आदि की स्थिति को पैमाने की सहायता से कागज पर लघु रूप में बनाना मानचित्रण कहलाता हैं।

मानचित्रों के प्रकार :- 

  1. भौतिक /उच्चावच मानचित्र (physical / relief maps) - पृथ्वी की प्राकृतिक आकृतियों; जैसे- पर्वतों, पठारों, मैदानों, नदियों, महासागरों इत्यादि को दर्शाने वाले मानचित्र। 

  2. राजनीतिक मानचित्र (political maps) - राज्यों, नगरों, शहरों तथा गाँवों और विश्व के विभिन्न देशों व राज्यों तथा उनकी सीमाओं को दर्शाने वाले मानचित्र। 

  3. थिमैटिक मानचित्र (thematic maps.) - कुछ मानचित्र विशेष जानकारियाँ प्रदान करते हैं; जैसे- सड़क मानचित्र, वर्षा मानचित्र, वन तथा उद्योगों आदि के वितरण दशाने वाले मानचित्र इत्यादि। इस प्रकार के मानचित्र को थिमैटिक मानचित्र कहा जाता है।

 मानचित्र के तीन घटक हैं :- दूरी दिशा और प्रतीक

  1. दूरी (distance) - मानचित्र को पैमाने के आधार पर बनाया जाता है। जैसे - छोटे क्षेत्रफल के लिए 1 सेमी. = 5 किमी , बड़े क्षेत्रफल के लिए 1 सेमी. = 500 किमी लिया जा सकता है। 

  2. दिशा (direction) - किसी भी मानचित्र में दिशा का बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है, दिशा की सहायता से पता चलता है कि कोई चीज कहां स्थित है। 

(i) प्रमुख दिशाएँ / प्रधान दिग्बिंदु (cardinal directions) -  उत्तर, दक्षिण, पूर्व , पश्चिम। 

(ii) मध्यवर्ती दिशाएँ (intermediate directions.) - उत्तर-पूर्व (NE), दक्षिण-पूर्व (SE), दक्षिण-पश्चिम (SW) और उत्तर-पश्चिम (NW) हैं।


प्रतीक (symbols) - मानचित्र भवनों, सड़कों, पुलों, वृक्षों, रेल की पटरियों या कुएँ को निश्चत अक्षरों, छायाओं, रंगों, चित्रों तथा रेखाओं का उपयोग करके दर्शाए जाते हैं। ये प्रतीक कहलाते हैं। ये रूढ़ प्रतीक (conventional symbols) भी कहे जाते हैं। 

रेखाचित्र (sketch) - रेखाचित्र एक आरेखण है लेकिन यह पैमाने के आधार पर नहीं होता। 

………………NCERT….प्रश्न उत्तर………………..……

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए। 

(i) मानचित्र के तीन घटक कौन- कौन से हैं?

उत्तर - मानचित्र के तीन घटक हैं-दूरी, दिशा और  प्रतीक।

(ii) प्रधान दिग्बिंदु कौन-कौन से हैं?

उत्तर - प्रधान दिग्बिंदु हैं - उत्तर, दक्षिण, पूर्व एवं पश्चिम। 

(iii) मानचित्र के पैमाने से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - पैमाना स्थल पर वास्तविक दूरी तथा मानचित्र पर दिखाई गई दूरी के बीच का अनुपात होता है।

(iv) ग्लोब की अपेक्षा मानचित्र अधिक सहायक होते हैं, क्यों?

उत्तर - ग्लोब की अपेक्षा मानचित्रों से अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। मानचित्र को आसानी से कहीं भी ढोया या रखा जा सकता है। इसे मोड़ कर छोटा भी किया जा सकता है। ऐसा ग्लोब के साथ नहीं किया जा सकता है।

(v) मानचित्र एवं खाका के बीच अंतर बताएँ। 

उत्तर - मानचित्र छोटे पैमाने पर खींचा जाता है। जबकि खाका बड़े पैमाने पर खींचा जाता है। मानचित्र में बड़े क्षेत्रो जैसे- गाँवो, शहरो, राज्यों और देशों आदि को दर्शाते हैं। लेकिन खाका में छोटे जगहों जैसे- घर और छोटे छोटे इमारतों का रेखाचित्र खींच सकते हैं।

(vi) कौन-सा मानचित्र विस्तृत जानकारी प्रदान करता है?

उत्तर - बड़े पैमाने वाला मानचित्र विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।,

(vii) प्रतीक किस प्रकार मानचित्रों के अध्ययन में सहायक होते हैं?

उत्तर - सड़क, पुल, पेड़, रेलवे लाइन आदि को कुछ अक्षरों, रंगों, चित्रों और रेखाओं के माध्यम से प्रतीक के रूप में दर्शाते हैं। इस तरह, प्रतीक मानचित्र को पढ़ने का एक सुविधाजनक साधन हैं।

        पाठ - 5 पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल  (major domains of the earth).  ....

पृथ्वी के चार प्रमुख परिमंडल हैं , ठोस (स्थलमंडल), गैसीय (वायुमंडल), तरल (जलमंडल) और जीवमंडल हैं। 

  1. भूमंडल (Lithosphere)

  2. वायुमंडल (Atmosphere)

  3. जलमंडल (Hydrosphere)

  4. जीवमंडल (Biosphere)

भूमंडल (Lithosphere) - यह भूपर्पटी की चट्टानों तथा मिट्री की पतली परतों का बना होता है जिसमें जीवों के लिए पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। 

—- पृथ्वी की सतह के दो मुख्य भाग हैं , बड़े स्थलीय भूभागों को महाद्वीप तथा बड़े जलाशयों को महासागरीय बेसिन कहा जाता है।

— विश्व के सभी महासागर आपस में एक दूसरे से जुड़े हैं। 

— समुद्र जल का तल सभी जगह एक समान होता है। अतः स्थल की ऊंचाई को समुद्र तल से मापा जाता है जिसे शून्य माना जाता है। 

—- विश्व का सबसे ऊँचा शिखर माउंट ऐवरेस्ट समुद्र तल से 8,848 मीटर ऊँचा है। विश्व का सबसे गहरा भाग प्रशांत महासागर का मेरियाना गर्त है, जिसकी गहराई 11 022 मीटर है।

महाद्वीप (continents) - पृथ्वी पर सात प्रमुख महाद्वीप हैं। क्षेत्रफल में सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक के क्रम में, ये सात क्षेत्र एशिया , अफ्रीका , उत्तरी अमेरिका , दक्षिण अमेरिका , अंटार्कटिका , यूरोप और ऑस्ट्रेलिया हैं।

  1. एशिया (Asia) : 

— यह विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है।

— यह पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का एक तिहाई भाग में फैला है। 

— यह महाद्वीप पूर्वी गोलार्ध में स्थित है। 

— कर्क रेखा इस महाद्वीप से होकर गुजरती है। 

— एशिया के पश्चिम में यूराल पर्वत है जो इसे यूरोप से अलग करता है। 

— यूरोप एवं एशिया के संयुक्त भूभाग को यूरेशिया (यूरोप + एशिया) कहा जाता है। 

  1. अफ्रीका (Africa) - 

— यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। 

— विषुवत् वृत्त या 0° अक्षांश इस महाद्वीप के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है।

— यही एक ऐसा महाद्वीप है जिससे होकर कर्क, विषुवत् तथा मकर, तीनों रेखाएँ गुज़रती हैं।

सहारा का रेगिस्तान विश्व का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है जो कि अफ्रीका में स्थित है।

— विश्व की सबसे लंबी नदी नील अफ्रीका से होकर गुजरती है।

  1. उत्तरी अमेरिका (North America)

— यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है।

— यह दक्षिण अमेरिका से एक संकरे स्थल से जुड़ा है जिसे पनामा स्थलसंधि कहते हैं। 

  1. दक्षिणी अमेरिका (south America)

— यह विश्व का चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है।

— विश्व की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला एंडीज इसके उत्तर से दक्षिण की ओर फैली है। 

— दक्षिण अमेरिका में विश्व की सबसे बड़ी नदी अमेज़न बहती है।

  1. अंटार्कटिका (Antarctica)

— यह विश्व का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है।

— दक्षिण ध्रुव इस महाद्वीप के मध्य में स्थित है।

— बहुत से देशों के शोध केंद्र यहाँ स्थित हैं। भारत के भी शोध संस्थान यहाँ हैं। इनके नाम हैं मैत्री तथा भारती।

  1. यूरोप (Europe)

— यह विश्व का छठा बड़ा महाद्वीप है।

— यह महाद्वीप एशिया के पश्चिम में स्थित है। 

— आर्कटिक वृत्त इससे होकर गुजरती है। 

  1. आस्ट्रेलिया (Australia)

— यह विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है।

— इसे द्वीपीय महाद्वीप (island continent) भी कहा जाता है।

जलमंडल (hydrosphere) - पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल तथा 29 प्रतिशत भाग स्थल है।

— पृथ्वी पर जल का 97.5 % भाग महासागरों में पाया जाता है। शेष (2.5) % जल बर्फ की परतों , नदियों और भूमिगत जल है। 

महासागर (oceans) - महासागरों की संख्या 5 है। 

— विश्व के सभी महासागर आपस में एक दूसरे से जुड़े हैं। 

— समुद्र जल का तल सभी जगह एक समान होता है। अतः स्थल की ऊंचाई को समुद्र तल से मापा जाता है जिसे शून्य माना जाता है। 

— तरंगें, ज्वार - भाटा और महासागरीय धराएं ये महासागरीय जल की तीन मुख्य गतियां है। 

— बड़े से छोटे आकार के आधार पर क्रमश: 5 महासागर प्रमुख हैं- प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी महासागर तथा आर्कटिक महासागर। 

  1.  प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) - 

— यह पृथ्वी का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है। यह पृथ्वी के ⅓ (एक तिहाई) भाग पर फैला है।

— प्रशात महासागर लगभग वृत्ताकार है।

— पृथ्वी का सबसे गहरा भाग मेरियाना गर्त प्रशांत महासागर में ही स्थित है। 

  1. अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) -

— यह पृथ्वी का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है।

— इसका आकार S अक्षर के जैसा है। 

— इसके पश्चिमी किनारे पर उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका हैं तथा पूर्वी किनारे पर यूरोप एवं आफ्रीका

— व्यापार की दृष्टि से यह सबसे व्यस्त महासागर है।

  1. हिंद महासागर (Indian Ocean) - 

— यह पृथ्वी का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है।

— यही एक ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर, यानी भारत के नाम पर रखा गया है।

— यह महासागर लगभग त्रिभुजाकार है। 

— इसके उत्तर में एशिया, पश्चम में अफ्रीका तथा पूर्व में आस्ट्रेलिया स्थित हैं।

  1. दक्षिणी महासागर (southern oceans) -

— यह पृथ्वी का चौथा सबसे बड़ा महासागर है।

— दक्षिणी महासागर अण्टार्कटिका महाद्वीप को चारों ओर से घेरता है।

— यह अण्टार्कटिका महाद्वीप से उत्तर की ओर 60° दक्षिणी अक्षांश तक फैला हुआ है।

  1. आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean) -

— यह पृथ्वी का सबसे छोटा महासागर है।

— यह उत्तर ध्रुव वृत्त में स्थित है तथा यह उत्तर ध्रुव के चारों ओर फैला है।

— यह उत्तर अमेरिका के उत्तरी तटों तथा यूरेशिया से घिरा है।

— यह प्रशांत महासागर से छिछले जल वाले एक सँंकरे भाग से जुड़ा है जिसे बेरिंग जलसंधि के नाम से जाना जाता है।

वायुमंडल (Atmosphere) - हमारी पृथ्वी चारों ओर से गैस की एक परत से घिरी हुई है, जिसे वायुमंडल कहा जाता है। 

— वायुमंडल 1,600 किमी. की ऊँचाई तक फैला है।

— वायुमंडल को पाँच परतों में बाँटां गया है। इन परतों को पृथ्वी की सतह से शुरू करते हुए क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, आयनमंडल तथा बहिर्मंडल कहा जाता है।

— आयतन के अनुसार नाइट्रोजन 78 प्रतिशत, ऑक्सीजन 21 प्रतिशत तथा दूसरी गैसें : जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, ऑर्गन इत्यादि की मात्रा 1 प्रतिशत है।

— ऑक्सीजन साँस लेने के लिए , नाइट्रोजन प्राणियों की वृद्धि के लिए आवश्यक है। — कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी के द्वारा छोड़ी गई ऊष्मा को अवशोषित करती है, जिससे पृथ्वी गर्म रहती है। यह पौधों की वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। 

— गतिशील वायु को पवन कहा जाता है।

………………NCERT….प्रश्न उत्तर………………..……

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए। 

(i) पृथ्वी के चार प्रमुख परिमंडल कौन- कौन से हैं?

उत्तर - पृथ्वी के ठोस (स्थलमंडल), गैसीय (वायुमंडल), तरल (जलमंडल) और जीवमंडल हैं। 

  1. भूमंडल (Lithosphere)

  2. वायुमंडल (Atmosphere)

  3. जलमंडल (Hydrosphere)

  4. जीवमंडल (Biosphere)

(ii) पृथ्वी के प्रमुख महाद्वीपों के नाम लिखिए। 

उत्तर - पृथ्वी पर सात प्रमुख महाद्वीप हैं। क्षेत्रफल में सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक के क्रम में, ये सात क्षेत्र एशिया , अफ्रीका , उत्तरी अमेरिका , दक्षिण अमेरिका , अंटार्कटिका , यूरोप और ऑस्ट्रेलिया हैं।

(iii) दो महाद्वीपों के नाम लिखिए, जो पूरी तरह से दक्षिणी गोलार्ध में स्थित हों। 

उत्तर - ऑस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका महाद्वीप पूरी तरह दक्षिणी गोलार्थ में स्थित हैं।

(iv) वायुमंडल की विभिन्न परतों के नाम लिखिए। 

उत्तर - वायुमंडल को पाँच परतों में बाँटां गया है। इन परतों को पृथ्वी की सतह से शुरू करते हुए क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, आयनमंडल तथा बहिर्मंडल कहा जाता है।

(v) पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहा जाता है?

उत्तर - पृथ्वी का ज्यादातर हिस्सा (71 %) जल से ढका हुआ है, और अंतरिक्ष से यह पृथ्वी नीला दिखाई देता है, इसलिए इसे नीला ग्रह कहते हैं। 

(v) उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध क्यों कहा जाता है?

उत्तर - ज्यादातर भूमंडल का क्षेत्र उत्तरी गोलार्थ में ही पड़ता है। जबकि दक्षिणी गोलार्थ में बहुत कम भूमि है। इसी कारण उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध भी कहा जाता है।

(vi) जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल क्यों महत्त्वपूर्ण है?

उत्तर - जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है- 

1. मनुष्य और अन्य जानवरों की आवश्यकताएं जीवमंडल से ही पूरी होती हैं। 

2. जीवमंडल पृथ्वी को रहने लायक बनाए रखता है। जिसकी वजह से पृथ्वी पर जीवन है।

  पाठ - 6 हमारा देश भारत (our country India).  ....

हमारे देश का भौगोलिक सरहदें  - उत्तर में हिमालय, दक्षिण में हिंद महासागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर। 

क्षेत्रफल - भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी. है।

विस्तार - हमारे देश भारत का विस्तार कुछ इस प्रकार है :- 

  1. उत्तर - दक्षिण (लद्दाख - कन्याकुमारी) 3,200 किमी। 

  2. पूर्व - पश्चिम (अरुणाचल प्रदेश - कच्छ) 2,900 किमी।  

स्थिति - भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। कर्क रेखा (23°30' उ) देश के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है। कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है जो इस प्रकार हैं -  “ गमछा झार मित्र पर “ गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , झारखंड , राजस्थान , मिजोरम , त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल।  

अक्षांशीय विस्तार / दक्षिण से उत्तर भूमि विस्तार - (8°4’ उ.) से (37°6’.) 

अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह से (6°4’) से 37°6’

देशंतरीय विस्तार / पश्चिम से पूर्व भूमि विस्तार - (68°7’पू.) से (97°25’पू.) 


—- बहुत बड़े देशांतरीय विस्तार लगभग 29° (68.7-97.25) के कारण यहाँ के दो छोर पर स्थित स्थानों के स्थानीय समय में बहुत अधिक अंतर होता है। प्रत्येक 1° देशांतर के लिए स्थानीय समय में 4 मिनट का अंतर होता है। पश्चिम में गुजरात की अपेक्षा पूर्व के अरुणाचल प्रदेश में सूर्योदय लगभग दो घंटे पहले होता है।

भारत का मानक याम्योत्तर (standard meridian of India) - 82°30' पू. देशांतर के स्थानीय समय को भारत का मानक समय माना गया है। इस याम्योत्तर को भारत का मानक याम्योत्तर भी कहा जाता है।

भारत के पड़ोसी देश (India's Neighbours) - Trick “ बचपन में MBA किया” 

बांग्लादेश चीपाकिस्तान नेपाल म्यांमार भूटान फगानिस्तान। 

— दक्षिण में समुद्र में स्थित दो द्वीप श्रीलंका तथा मालदीव हमारे पड़ोसी हैं। 

पाक जलसंधि भारत को श्रीलंका से अलग करती है।

राजनीतिक एवं प्रशासनिक विभाजन (political and administrative divisions) - भारत के राज्य - देश को 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में बाँटां गया है। 

— राज्यों का निर्माण मुख्यत: भाषाओं के आधार पर हुआ है।

भौतिक विभाजन (physical divisions) - भारत में पाई जाने वाली भौतिक आकृतियाँ विभिन्न प्रकार की हैं;  जैसे- पर्वत, पठार, मैदान, तट तथा द्वीपसमूह।

हिमालय (Himalaya) - हिमालय पर्वत को तीन मुख्य समानांतर श्रृंखलाओं में बाँटा जाता है:- 

  1. वृहत / महान हिमालय / हिमाद्रि (Great Himalaya/ himadri) - यह श्रंखला सबसे ऊपर है। इसी श्रंखला में माउंट एवरेस्ट है। 

  2. मघ्य हिमालय / हिमाचल (middle Himalaya/ himachal) - यह श्रंखला हिमाद्रि के ठीक नीचे (दक्षिण में) है। 

  3. शिवालिक - शिवालिक सबसे दक्षिण (सबसे नीचे) है। 

भारत का उत्तरी मैदान - हिमालय के दक्षिण में भारत का उत्तरी मैदान स्थित है। यह मैदान समतल तथा सपाट है। 

— यह मैदान सिंधु ,गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जालोढ़ निक्षेपों से बने हैं। 

— नदियों के ये मैदान कृषि के लिए बहुत ही उपजाऊ भूमि हैं। इसी कारण इन मैदानों में जनसंख्या बहुत अधिक है। 

भारतीय महामरुस्थल - भारत के पश्चिमी भाग में भारतीय महामरुस्थल स्थित है। यह शुष्क, गर्म तथा रेतीला स्थल है।

प्रायद्वीपीय पठार (peninsular plateau) - उत्तरी मैदानों के दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार स्थित है। 

— इसकी आकृति त्रिभुजाकार है। इसका धरातल काफी ऊँचा-नीचा है। 

— इस क्षेत्र में बहुत-सी पहाड़ी श्रृंखलाएँ तथा घाटियाँ स्थित हैं। इसके उत्तर-पश्चिम में अरावली श्रृंखला स्थित है, जो विश्व की सबसे पुरानी श्रृंखला है। 

पश्चिम की तरफ बहने वाली नदियां - नर्मदा तथा तापी नदियाँ विध्य एवं सतपुड़ा की श्रृंखलाओं से होकर बहती हैं। जो अरब सागर में गिरती है। 

पूर्व की तरफ बहने वाली नदियां - पूर्वी तटीय मैदान से पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ हैं महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी जो बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। ये नदियाँ अपने मुहाने पर उपजाऊ डेल्टा का निर्माण करती हैं। 

सुंदरबन डेल्टा :  बंगाल की खाड़ी में गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के मुहाने पर सुंदरबन डेल्टा स्थित है।

द्वीपसमूह (islands) - भारत में दो द्वीपसमूह भी हैं। 

लक्षद्वीप द्वीपसमूह अरब सागर में स्थित हैं। ये केरल के तट से कुछ दूर स्थित प्रवाल द्वीप हैं। 

औंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह भारत से दक्षिण-पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं।

………………NCERT….प्रश्न उत्तर………………..……

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए। 

(i) भारत को कितने भौतिक भागों में विभाजित किया जा सकता है? उनके नाम लिखिए। 

उत्तर - भारत को पाँच भौतिक भागों में विभाजित किया जा सकता है- 

1. उत्तर के विशाल पर्वत 

2. उत्तरी भारत के मैदान 

3. प्रायद्वीपीय पठार 

4. तटीय मैदान 

5. द्वीप समूह।

(ii) भारत की स्थलीय सीमा सात देशों से जुड़ी है। उनके नाम लिखिए। 

उत्तर - भारत के पड़ोसी देश - Trick “ बचपन में MBA किया” 

बांग्लादेश चीपाकिस्तान नेपाल म्यांमार भूटान फगानिस्तान। 

(iii) कौन-सी दो प्रमुख नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं?

उत्तर - नर्मदा तथा तापी नदियाँ विध्य एवं सतपुड़ा की श्रृंखलाओं से होकर बहती हैं। जो अरब सागर में गिरती है।

(iv) गंगा एवं ब्रह्मपुत्र के द्वारा बनाए गए डेल्टा का नाम लिखिए। 

उत्तर - सुंदरबन डेल्टा। 

(v) भारत में कितने राज्य तथा कितने केंद्रशासित प्रदेश हैं? किन राज्यों की राजधानी एक ही है?

उत्तर - भारत में वर्तमान में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की एक ही राजधानी चंडीगढ़ है। हैदराबाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है।

(vi) उत्तरी मैदानों में अधिक जनसंख्या में निवास करती हैं, क्यों?

उत्तर - हिमालय के दक्षिण में भारत का उत्तरी मैदान स्थित है। यह मैदान सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जलोढ़ निक्षेपों से बने हैं। यहां की जलोढ़ मिट्टी बहुत अधिक उपजाऊ है और कृषि के लिए उत्तम है। इसी कारण यहां अधिक जनसंख्या निवास करती है।

(vi) लक्षद्वीप को प्रवाल द्वीप कहा जाता है, क्यों?

उत्तर - लक्षद्वीप को प्रवाल द्वीप कहा जाता है, क्योंकि लक्षद्वीप का निर्माण प्रवाल (छोटे समुद्री जंतुओं के कंकाल) से हुआ है।




































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भजन- तुने जीवन गंवा दिया क्या किया रे तुकड्या भजन भजन- तुने जीवन गंवा दिया क्या किया रे तुकड्या भजन ।। स्थायी ।। (तूने जीवन गमा दिया)2 क्या किया रे (जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 (क्या किया, क्या किया, क्या किया रे )2 (जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 ।। अंतरा ।। 1) अमृत को छोड़ा पिता है शराब रे , भगवान के नाम कोऽ भूला ही दिया ,         तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) 2) विषयोके फंदोमे बांधा गया तू , संत समागम को भूल गया , तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) 3) पैसो के खातिर करता मिलावट , निति और नेकी को छोड़ दिया , तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) 4) तनके घमंड से होगी फजीती, तुकड्या कहे सब भूल गया , तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) Home 🏠 Sangeet Raag Shashtra    (🎶यहां क्लि

sri sri thakur anukulchandra satsang prathana and bhajan lyrics सत्संग प्रार्थना और भजन श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंन्द्र

सत्संग प्रार्थना और भजन श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंन्द्र --- प्रार्थना --- (प्रार्थना सुबह 1) राधास्वामी नाम जो गावे सोई तरे (प्रार्थना सुबह 2) बार बार कर जोड़ कर सविनय करु पुकार (प्रार्थना सुबह 3) गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। (प्रार्थना सुबह 4) जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण (प्रार्थना संध्या 1) बार बार करुँ विनती राधास्वामी आगे (प्रार्थना संध्या 2) बार बार कर जोड़ कर सविनय करुँ पुकार (प्रार्थना संध्या 3) गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। (प्रार्थना संध्या 4) जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण सत्संग हिन्दी भजन --- अगुणा मन काहे गुमान करे ---  अब तो शरण में आओ गुरु के ---  आए हैं आए हैं असीम आनन्द --- You are for the lord, Not for others --- आज ये मधुमय सत्संग में, परम दयाल आए हैं ---  आया रे प्रिय परम दयारा ---  आज सत्संगी हुए हैं निहाल सखिया ---  आसन सजाई के उनको बिठाई के होगा तेरा ---  ओ मनवा रे ---  ओ मोरी अँखिया तोसेविनति करत हौं ---  ओ रामा क्या किया ठाकुर पिया ,  ---  उदासी मन काहे ना प्रेम करें  ---  उषा कीर्तन - प्रभात यामिनी , उदित दिनमणि ---  कहलाते मेरे ठाक

bar bar kar jor kar lyrics morning prayer thakur anukulchandra प्रातः और सान्ध्यकालीन विनति बार बार कर जोड़ कर)

प्रातः और सान्ध्यकालीन विनति (बार बार कर जोड़ कर) —-------------------------------------------------- बार बार कर जोड़ कर। सविनय करूँ पुकार॥ साध संग मोहि देव नित। परम गुरु दातार ॥ १ ॥ कृपासिंधु समरथ पुरुष। आदि अनादि अपार॥ राधास्वामी परम पितु। मैं तुम सदा अधार ॥ २ ॥ बार बार बल जाऊँ। तनमन वारुं चरण पर ॥ क्या मुखले मैं गाउँ। मेहर करी जस कृपा कर ॥ ३॥ धन्य धन्य गुरुदेव। दयासिंधु पूरण धनी॥ नित करूँ तुम सेव। अचल भक्ति मोहि देव प्रभु ॥४॥ दीन अधीन अनाथ। हाथ गहा तुम आन कर ॥ अब राखो नित साथ। दीन दयाल कृपानिधि ॥ ५ ॥ काम क्रोध मद लोभ। सब विधि अवगुण हार मैं ॥ प्रभु राखो मेरी लाज। तुम द्वारे अब मैं पड़ा ॥ ६ ॥ राधास्वामी गुरु समरथ। तुम बिन और न दुसरा॥ अब करो दया प्रत्यक्ष। तुम दर एती विलंब क्यों ॥७॥ दया करो मेरे साईयां। देव प्रेम की दात ॥ दुख सुख कछु व्यापे नहीं। छूटे सब उत्पात ॥ ८ ॥ _____________पुनः_______________ दया करो मेरे साईयां। देव प्रेम की दात ॥ दुख सुख कछु व्यापे नहीं। छूटे सब उत्पात ॥ बार बार कर जोड़ कर। सविनय करूँ पुकार॥ साध संग मोहि देव नित। परम गुरु दातार ॥ साध संग मोहि देव नित। परम पिता

karpur gouram karuna awtaram pawan singh bhajan lyrics कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम

   (🎶यहां क्लिक करें ⬇️⬇️ 🎶 Lyrics List भजन 🎻, भोजपुरी भजन , निर्गुण , सत्संग भजन 🪕, प्रार्थना (श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र) , होली , मैथिली , राग , संगीत शिक्षा,बंदिश इत्यादि🎶   Home 🏠 Sangeet Raag Shashtra देवी भजन - कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम Singer - पवन सिंह ।। स्थायी ।। कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। ।। श्लोक ।।         ---निशुम्भ शुम्भ गर्जनी, प्रचण्ड मुण्डखण्डिनी। बनेरणे प्रकाशिनी, (भजामि विन्ध्यवासिनी)3 ---त्रिशूल मुण्ड धारिणी, धरा विघात हारिणी। गृहे-गृहे निवासिनी, (भजामि विन्ध्वासिनी)3 ---लसत्सुलोल लोचनं, लतासनं वरप्रदं। कपाल-शूल धारिणी, (भजामि विन्ध्यवासिनी)3 ।। अन्तरा ।। 1) (सृष्टि के रक्षा ला तु लाखों रुप धईलू धरमी के धरम तु ही मईयां बचईलू) 2 गुणगान तोहर करे भोला शंकर शिष झुकावे सृष्टि के स्वामी ---सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भ

guru brahma guru vishnu gurur deo maheshwara prayer guru vandana lyrics गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।

 सद्गुरु वन्दना गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परम ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन-शलाकया। चक्षुरून्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ स्थावरंजंगमं व्याप्तं येन कृत्स्नं चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ चिद्रुपेण परिव्याप्तं त्रैलोक्यं सचराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ न गुरोरधिकं तत्त्वं न गुरोरधिकं तपः। तत्त्वज्ञानात परं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ मन्नाथः श्रीजगन्नाथो मद्गुरू: श्रीजगद्गुरः। मदात्मा संर्वभूतात्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ गुरुरादिरनादिश्च गुरुः परमदैवतम्। गुरोः परतरं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्त्तिम्। द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादि लक्ष्यम्॥ एकंनित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षीभूतम्। भावातीतं त्रिगुणरहितं सत्गुरुं त्वां नमामि ॥ ------पुनः---- (सत्गुरुं त्वां नमामि ॥)2 ------------------------------- 🏠 Sangeet Raag Shashtra 🌿 list of all content (सभी पोस्ट की सूची)🌿   -----

bar bar karu binati radhaswami aage lyrics Evening Prayer 1 बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे

(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र)  सान्ध्यकालीन विनति बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे॥ दया करो दाता मेरे। चित चरणन लागे ॥१॥ जन्म जन्म रही भूल में। नहिं पाया भेदा ॥ काल करम के जाल में। रहि भोगत खेदा ॥ २ ॥ जगत जीव भरमत फिरें। नित चारों खानी॥ ज्ञानी जोगी पिल रहे। सब मन की घानी ॥ ३ ॥ भाग जगा मेरा आदिका। मिले सतगुरु आई। राधास्वामी धाम का। मोहि भेद जनाई ॥ ४ ॥ ऊँच से ऊँचा देश है। वह अधर ठिकानी ।। बिना संत पावे नहीं। श्रुत शब्द निशानी ॥ ५ ॥ राधास्वामी नाम की। मोहिं महिमा सुनाई ॥ विरह अनुराग जगाय के। घर पहुँचूँ भाई ॥ ६ ॥ साध संग कर सार रस। मैंने पिया अघाई ॥  प्रेम लगा गुरु चरण में। मन शांति न आई ॥ ७ ॥ तड़प उठे बेकल रहूँ। कस पिया घर जाई ॥ दर्शन रस नित नित लंहूँ। गहे मन थिरताई ॥ ८ ॥ सुरत चढ़े आकाश में। करे शब्द बिलासा ॥ धाम धाम निरखत चले। पावे निज घर वासा ॥९॥ यह आशा मेरे मन बसे । रहे चित्त उदासा ॥ विनय सुनो किरपा करो। दीजे चरण निवासा ॥१०॥ तुम बिन कोई समरथ नहीं । जासे माँगू दाना ॥ प्रेमधार बरखा करो। खोलो अमृत खाना ॥ ११ ॥ दीन दयाल दया करो। मेरे समरथ स्वामी॥ शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२