भजन- तुने जीवन गंवा दिया क्या किया रे तुकड्या भजन
भजन- तुने जीवन गंवा दिया क्या किया रे तुकड्या भजन
।। स्थायी ।।
(तूने जीवन गमा दिया)2 क्या किया रे
(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2
(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे )2
(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2
।। अंतरा ।।
1)अमृत को छोड़ा पिता है शराब रे ,
भगवान के नाम कोऽ भूला ही दिया ,
तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे।
--(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2
--(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे )
2) विषयोके फंदोमे बांधा गया तू ,
संत समागम को भूल गया ,
तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे।
--(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2
--(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे )
3) पैसो के खातिर करता मिलावट ,
निति और नेकी को छोड़ दिया ,
तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे।
--(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2
--(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे )
4) तनके घमंड से होगी फजीती,
तुकड्या कहे सब भूल गया ,
तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे।
--(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2
--(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे )
Nice 👍
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