पंजाबी लोकगीत - सुहे वे चीरे वालिया, मैं कहनी आ,
।। स्थाई ।।
सुहे वे चीरे वालिया, मैं कहनी आ,
कर छतरी दी छा, मैं छाँवा बहनी आ,
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सुहे वे चीरे वालिया, फूल कीरा दे,
कीरा लायी, बहार मेले मितरा दे,
कीरा लायी, बहार मेले मितरा दे,
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सुहे वे चीरे वालिया, फुल्ल तोरी दा,
बाज तेरे वे माहिया, कुज नी लोरी दा,
बाज तेरे वे माहिया, कुज नी लोरी दा,
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सुहे वे चीरे वालिया, मैं कहनी आ,
लगदे तीर जुदाइयां दे मैं सहनी आं,
लगदे तीर जुदाइयां दे मैं सहनी आं,
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सुहे वे चीरे वालिया, दो लालादिया,
मेले वेखाण आईआं करमां वालियां,
मेले वेखाण आईआं करमां वालियां,
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सुहे वे चीरे वालिया, धन जोड़ी दा,
दिल दा नाजुक शीशा, इंज नी तोड़ी जा,
इक वारी आके तक जा, हाल जुदाइयां दा,
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सुहे वे चीरे वालिया, गल गानी आ,
चरखा रंग रंगीला, वेहरे धानी आ,
चरखा रंग रंगीला, वेहरे धानी आ,
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सुहे वे चीरे वालिया, मैं कहनी आ,
कर छतरी दी छा, मैं छाँवा बहनी आ,
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