(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र प्रार्थना)
वंदेपुरषोत्तम! वंदेपुरषोत्तम! वंदेपुरषोत्तम!
सान्ध्यकालीन विनति
बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे॥
दया करो दाता मेरे। चित चरणन लागे ॥१॥
जन्म जन्म रही भूल में। नहिं पाया भेदा ॥
काल करम के जाल में। रहि भोगत खेदा ॥ २ ॥
जगत जीव भरमत फिरें। नित चारों खानी॥
ज्ञानी जोगी पिल रहे। सब मन की घानी ॥ ३ ॥
भाग जगा मेरा आदिका। मिले सतगुरु आई।
राधास्वामी धाम का। मोहि भेद जनाई ॥ ४ ॥
ऊँच से ऊँचा देश है। वह अधर ठिकानी ।।
बिना संत पावे नहीं। श्रुत शब्द निशानी ॥ ५ ॥
राधास्वामी नाम की। मोहिं महिमा सुनाई ॥
विरह अनुराग जगाय के। घर पहुँचूँ भाई ॥ ६ ॥
साध संग कर सार रस। मैंने पिया अघाई ॥
प्रेम लगा गुरु चरण में। मन शांति न आई ॥ ७ ॥
तड़प उठे बेकल रहूँ। कस पिया घर जाई ॥
दर्शन रस नित नित लंहूँ। गहे मन थिरताई ॥ ८ ॥
सुरत चढ़े आकाश में। करे शब्द बिलासा ॥
धाम धाम निरखत चले। पावे निज घर वासा ॥९॥
यह आशा मेरे मन बसे । रहे चित्त उदासा ॥
विनय सुनो किरपा करो। दीजे चरण निवासा ॥१०॥
तुम बिन कोई समरथ नहीं । जासे माँगू दाना ॥
प्रेमधार बरखा करो। खोलो अमृत खाना ॥ ११ ॥
दीन दयाल दया करो। मेरे समरथ स्वामी॥
शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२ ॥
-----------पुनः-------------
तुम बिन कोई समरथ नहीं । जासे माँगू दाना ॥
प्रेमधार बरखा करो। खोलो अमृत खाना ॥ ११ ॥
दीन दयाल दया करो। मेरे समरथ स्वामी॥
शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२ ॥
शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२ ॥
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प्रातः और सान्ध्यकालीन विनति
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बार बार कर जोड़ कर। सविनय करूँ पुकार॥
साध संग मोहि देव नित। परम गुरु दातार ॥ १ ॥
कृपासिंधु समरथ पुरुष। आदि अनादि अपार॥
राधास्वामी परम पितु। मैं तुम सदा अधार ॥ २ ॥
बार बार बल जाऊँ। तनमन वारुं चरण पर ॥
क्या मुखले मैं गाउँ। मेहर करी जस कृपा कर ॥ ३॥
धन्य धन्य गुरुदेव। दयासिंधु पूरण धनी॥
नित करूँ तुम सेव। अचल भक्ति मोहि देव प्रभु ॥४॥
दीन अधीन अनाथ। हाथ गहा तुम आन कर ॥
अब राखो नित साथ। दीन दयाल कृपानिधि ॥ ५ ॥
काम क्रोध मद लोभ। सब विधि अवगुण हार मैं ॥
प्रभु राखो मेरी लाज। तुम द्वारे अब मैं पड़ा ॥ ६ ॥
राधास्वामी गुरु समरथ। तुम बिन और न दुसरा॥
अब करो दया प्रत्यक्ष। तुम दर एती विलंब क्यों ॥७॥
दया करो मेरे साईयां। देव प्रेम की दात ॥
दुख सुख कछु व्यापे नहीं। छूटे सब उत्पात ॥ ८ ॥
_____________पुनः_______________
दया करो मेरे साईयां। देव प्रेम की दात ॥
दुख सुख कछु व्यापे नहीं। छूटे सब उत्पात ॥
बार बार कर जोड़ कर। सविनय करूँ पुकार॥
साध संग मोहि देव नित। परम गुरु दातार ॥
साध संग मोहि देव नित। परम पिता दातार।।
-----------सद्गुरु वन्दना---------------
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुरेव परम ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन-शलाकया।
चक्षुरून्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
स्थावरंजंगमं व्याप्तं येन कृत्स्नं चराचरम्।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
चिद्रुपेण परिव्याप्तं त्रैलोक्यं सचराचरम्।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
न गुरोरधिकं तत्त्वं न गुरोरधिकं तपः।
तत्त्वज्ञानात परं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
मन्नाथः श्रीजगन्नाथो मद्गुरू: श्रीजगद्गुरः।
मदात्मा संर्वभूतात्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
गुरुरादिरनादिश्च गुरुः परमदैवतम्।
गुरोः परतरं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्त्तिम्।
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादि लक्ष्यम्॥
एकंनित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षीभूतम्।
भावातीतं त्रिगुणरहितं सत्गुरुं त्वां नमामि ॥
------पुनः----
(सत्गुरुं त्वां नमामि ॥)2
जय राधे राधे कृष्णा कृष्णा
—--------(मूल लिरिक्स)--------
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
राधे गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!
गोबिन्द बोले सादा डाको रे!
छाड़ो रे मन कपट चातुरि,बदोने बॅलो हरि हरि!
हरि नाम परमब्रहम जीवेरो मूल धर्म!
अधर्म कुकर्म छाड़ो रे।
छाड़ो रे मॅन भवेरो आशा,अजपा नामे करो रे नेशा!
राधे गोबिन्द नामटी बदोने लइये!
नयन-नीरे सदा भासो रे।
—--------(कोरस के साथ लिरिक्स)--------
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
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राधे राधे गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!
(गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!)
गोबिन्द बोले सादा डाको रे!
(राधे राधे गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!
गोबिन्द बोले सादा डाको रे!)
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
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छाड़ो रे मन कपट चातुरि,बदोने बॅलो हरि हरि!
(छाड़ो रे मन कपट चातुरि,बदोने बॅलो हरि हरि!)
हरि नाम परमब्रहम जीवेरो मूल धर्म!
(नाम परमब्रहम जीवेरो मूल धर्म!)
अधर्म कुकर्म छाड़ो रे।
(हरि नाम परमब्रहम जीवेरो मूल धर्म!
अधर्म कुकर्म छाड़ो रे।)
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
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छाड़ो रे मॅन भवेरो आशा,अजपा नामे करो रे नेशा!
(छाड़ो रे मॅन भवेरो आशा,अजपा नामे करो रे नेशा!)
राधे गोबिन्द नामटी बदोने लइये!
(राधे गोबिन्द नामटी बदोने लइये!)
नयन-नीरे सदा भासो रे।
(राधे गोबिन्द नामटी बदोने लइये!
नयन-नीरे सदा भासो रे।)
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
—--------------पुनः-------------
राधे राधे गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!
(गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!)
गोबिन्द बोले सादा डाको रे!
(राधे राधे गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!
गोबिन्द बोले सादा डाको रे!)
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
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छाड़ो रे मन कपट चातुरि,बदोने बॅलो हरि हरि!
(छाड़ो रे मन कपट चातुरि,बदोने बॅलो हरि हरि!)
हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल!
(हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल!)
हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल!
(हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल!)
हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल!
(हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल! हरि बोल!)
हरि नाम परमब्रहम जीवेरो मूल धर्म!
(नाम परमब्रहम जीवेरो मूल धर्म!)
अधर्म कुकर्म छाड़ो रे।
(हरि नाम परमब्रहम जीवेरो मूल धर्म!
अधर्म कुकर्म छाड़ो रे।)
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
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छाड़ो रे मॅन भवेरो आशा,अजपा नामे करो रे नेशा!
(छाड़ो रे मॅन भवेरो आशा,अजपा नामे करो रे नेशा!)
राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल!
(राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल!)
राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल!
(राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल!)
राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल!
(राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल! राधा बोल!)
राधे गोबिन्द नामटी बदोने लइये!
(गोबिन्द नामटी बदोने लइये!)
नयन-नीरे सदा भासो रे।
(राधे गोबिन्द नामटी बदोने लइये!
नयन-नीरे सदा भासो रे।)
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
------------------------पुनः--------------------------
राधे राधे गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!
(गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!)
गोबिन्द बोले सादा डाको रे!
(राधे राधे गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द! गोबिन्द!
गोबिन्द बोले सादा डाको रे!)
जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!
(जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण, गोबिन्द गोबिन्द बॅलो रे!)
—---------वंदे पुरुषोत्तम----------
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