कृष्ण भजन- मीठे रस से भरी रे राधा रानी लागे
।। स्थाई ।।
(मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे ।
मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे ।)2
।। अंतरा ।। 1 ।।
जमुना मैया कारी कारी, राधा गोरी गोरी
वृन्दावन में धूम मचावे, बरसाने की छोरी ।
व्रजधाम राधा जी की, राजधानी लागे, राजधानी लागे ।
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
--- मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
।। अंतरा ।। 2 ।।
कान्हा नित मुरली मे तेरी, सुमरे बारम बार,
कोटिन रूप धरे मनमोहन, कहुँ ना पावे पार ।
रूप रंग की छबीली, पटरानी लागे, पटरानी लागे ।
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
--- मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
।। अंतरा ।। 3 ।।
ना भावे मने माखन मिसरी, अब ना कोई मिठाई,
मारी जीबड़या ने भावे अब तो, राधा नाम मलाई ।
रसधानी की लली तो, गुड़धानी लागे, गुड़धानी लागे ।
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
--- मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
।। अंतरा ।। 4 ।।
राधा राधा नाम रटत है, जो नर आठों याम,
देखो उनकी बाधा दूर करत है, राधा राधा नाम ।
राधा नाम मे सफल, जिंदगानी लागे, जिंदगानी लागे ।
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
--- मीठे रस से भरो रे, राधा रानी लागे, राधा रानी लागे
--- (मने कारो कारो, यमुना जी रो पानी लागे)2
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