कृष्ण भजन- जो है अलबेला मदनैनोवाला वो किसना है
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वो है रँगीला! छैल छबीला, वो है नट्खट! वो जमुना तट
फेरे लगाये, मुरली बजाये, गोपियों के संग रास रचाए
मुरली बजैया! रास रचैया! श्याम सलोना है
।। स्थाई ।।
(जो है अलबेला मदनैनोवाला,जिस की दीवानी ब्रिज की हर बाला
वो किसना है, वो किसना है, वो किसना है, वो किसना है)2
।। अंतरा ।। 1 ।।
(प्यार में डूबी प्यार में खोयी, प्यार की धुन में जागी ना सोयी)2
दुनिया से है वो अनजानी, सब कहते हैं प्रेम दीवानी
किसना से मिलती है, भूल के हर बंधन
होऽऽ किसना की, माला ही जपती है वो जोगन
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नैनों में सांसों में मन में किसना, हर पल है जीवन में जिसके किसना
वो राधा है, वो राधा है है है, वो राधा है वो राधा है
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।। अंतरा ।। 2 ।।
मधुर मधुर सा रूप है जिसका, श्वेत श्वेत रंग जिसका
सुन्दर तन मन सुन्दर चितवन, सुन्दर है अंग जिसका
प्यार है सागर से भी गेहरा, किसना के संग जिसका
वो राधा हैऽऽ वो राधा हैऽऽ, वो राधा हैऽऽ राधा हैऽऽ
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जो है अलबेला मदनैनोवाला,जिस की दीवानी ब्रिज की हर बाला
वो किसना है, वो किसना है, वो किसना है, वो किसना है
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नैनों में सांसों में मन में किसना, हर पल है जीवन में जिसके किसना
वो राधा है, वो राधा है है है, वो राधा है वो राधा है
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