Shri Krishna Govind Hare Murari He Nath Narayan Vasudeva Lyrics श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा
कृष्ण भजन - श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा
------ आलाप और श्लोक ---------
कृष्णाऽ ऽ ऽऽ कृष्णाऽ ऽ ऽऽ हरे कृष्णाऽ ऽ ऽऽ , हरे ऽऽऽ हरे
‘‘सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पच्यादि हेतवे।
तापत्रयविनाशाय श्री कृष्णाय वयं नुम:।।’’
--------।। स्थायी ।। ----------
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा
पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
--- (श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण….)
--------।। अंतरा 1 ।। ----------
बंदी गृह के तुम अवतारी, कहीं जन्मे कही पले मुरारी
किसी के जाये किसी के कहाये, है अद्भुद हर बात तिहारी
गोकुल में चमके मथुरा के तारे, हे नाथ नारायण वासु देवा
--- (श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण….)
--------।। अंतरा 2 ।। ----------
अधर पे बंशी ह्रदय में राधे, बट गए दोनों में आधे आधे
हे राधा नागर हे भक्त वत्सल, सदैव भक्तों के काम साधे
वही गएऽऽ जहाँ गए पुकारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
--- (श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण….)
--------।। अंतरा 3 ।। ----------
गीता में उपदेश सुनाया, तुमने सोया विश्व जगाया
फल इच्छा से रहीत कर्म को, हर मानव का धर्म बताया
रहेंगे हम सब ऋणी तुम्हारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
--- (श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण….)
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पितु मात स्वामी सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
--- (श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण….)
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राधे कृष्णा! राधे कृष्णा! राधे-राधे! कृष्णा-कृष्णा!
राधे कृष्णा! राधे कृष्णा! राधे-राधे! कृष्णा-कृष्णा!
कृष्णाऽ ऽ ऽऽ कृष्णाऽ ऽ ऽऽ राधे कृष्णाऽ ऽ ऽऽ
हरे ऽऽऽ हरे
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