कबीर भजन - कहा आता कहा जाता लागे नहीं पाता
—--------–—-- ।। स्थाई ।। —---------------
प्रभु जीऽऽ , प्रभु जीऽऽ, प्रभु जीऽऽ
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कहा आता! कहा जाता! , लागे नहीं पाता
(रघुराई हो , बंद करा कर्म का खाता)2
कहा आता! कहा जाता! , लागे नहीं पाता
(रघुराई हो , बंद करा कर्म का खाता)2
—--------–—-- ।। अंतरा 1 ।। —---------------
(सपनो में देखेला सब महल अटारी)2
रानी पुत्र से न साजे पालकी सवारी
(सपनो में देखेला सब महल अटारी)2
रानी पुत्र से न साजे पालकी सवारी
नींद खुले सब कुछ
प्रभु जीऽऽ , प्रभु जीऽऽ, प्रभु जीऽऽ
नींद खुले सब कुछ , होई लापता
(रघुराई हो , बंद करा कर्म का खाता)2
—--------–—-- ।। अंतरा 2 ।। —---------------
(राइ राइ जोड़ी जोड़ी भरेला खजाना)2
दान करेमे होई बहुत बहाना
(राइ राइ जोड़ी जोड़ी भरला खजाना)2
दान करने में करे बहुत बहाना
नींद में सोये जैसे ,नींद में सोये जैसे
नींद में सोये जैसे, सब छूट जाला
(रघुराई हो , बंद करा कर्म का खाता)2
—--------–—-- ।। अंतरा 3 ।। —---------------
(कितना खिलावे चाहे खोवा मलाई)2
प्यार दुलार कुछ काम न आई
(कितना खिलावे चाहे खोवा मलाई)2
प्यार दुलार कुछ काम न आई
आवेला बुलावा जब
प्रभु जीऽऽ , प्रभु जीऽऽ, प्रभु जीऽऽ
आवेला बुलावा जब, उड़ जायेला तोता
(रघुराई हो , बंद करा कर्म का खाता)2
कहा आता! कहा जाता! , लागे नहीं पाता
(रघुराई हो , बंद करा कर्म का खाता)2
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