song- kar seva guru charnan ki
कर सेवा गुरु चरणन की
(कर सेवा गुरु चरणन की,
युक्ति यही है भव-तरणन की।)2
(गुरु की महिमा है भारी)2
तेग करे भव जल पारी,
विपदा हरे यह तनमन की
कर सेवा गुरु चरणन की
(कर सेवा गुरु चरणन की,
युक्ति यही है भव-तरणन की।)
(मन की दुविधा दूर करे)2
ज्ञान भक्ति भरपूर भरे
भेद कहे शुभ कर्मन की
कर सेवा गुरु चरणन की
(कर सेवा गुरु चरणन की,
युक्ति यही है भव-तरणन की।)
(गुरु तो दयालु होते हैं)2
मन के मैल को धोते हैं
मोह हटावे ऋषियन की
कर सेवा गुरु चरणन की
(कर सेवा गुरु चरणन की,
युक्ति यही है भव-तरणन की।)
(भेद भरम सब मिटा दिया)2
घट में दर्शन करा दिया
ऐसी लीला दर्शन की
कर सेवा गुरु चरणन की
(कर सेवा गुरु चरणन की,
युक्ति यही है भव-तरणन की।)
(गुरु चरणों में झुक जावो)2
भक्त कहे नित गुण गाओ
करो वन्दना चरनन की
कर सेवा गुरु चरणन की
(कर सेवा गुरु चरणन की,
युक्ति यही है भव-तरणन की।)
(कर सेवा गुरु चरणन की,
युक्ति यही है भव-तरणन की।)2
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