शबरी संवारे रास्ता आयेंगे राम जी
गायिका: मैथिली ठाकुर
—------------- ।। स्थायी ।। --------------
शबरी संवारे रास्ता, आयेंगे राम जी
मेरा भी धन्य जीवन, बनायेंगे रामजी
—------------- ।। अंतरा1 ।। --------------
(आँखों से रोज अपनि, राहे बुहारती)2
(कांटे लगे ना कोई)2 कोमल है राम जी
….शबरी संवारे रास्ता आयेंगे राम जी
—------------- ।। अंतरा2 ।। --------------
(डलिया में बेर बागो से, चुन चुन के ला रही)2
(खट्टे हो चाहे मीठे)2 खायेंगे राम जी
….शबरी संवारे रास्ता आयेंगे राम जी
—------------- ।। अंतरा3 ।। --------------
(आये जब श्री राम जी, चरणों में गिर पड़ी)
(अंसुअन से धो रही है)2 चरणों को राम जी
….शबरी संवारे रास्ता आयेंगे राम जी
—------------- ।। अंतरा4 ।। --------------
(सुन्दर बिछा के आसन, बैठाया राम को)2
(दिया कंद मूल लाकर)2 खाए है राम जी
….शबरी संवारे रास्ता आयेंगे राम जी
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….शबरी संवारे रास्ता आयेंगे राम जी
मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी
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