छठ गीत- लाल सुरुज देव के रथ पे सवार
अईली छठी मईया
।। स्थाई ।।
हं ओ ऽऽ हं अऽ ऽ
(लाल सुरुज देव के रथ पे सवार
अईली छठी मईया)2
घोडवा टापे टुपु पहाड़
-- अईली छठी मईया
ओ सुनके मनवा के पुकार
-- अईली छठी मईया
।। अन्तरा ।।
1 (लगल महावर अलता पिपा
सोहे सेनुर के कार
खिलेला खुलके संदल कंगन
भावे नयन कजरार)2
(सुगा मन फूले ना समाए
देखी रुप सिंगार
-- अईली छठी मईया)2
सुनके मनवा के पुकार
-- अईली छठी मईया
लईली रुपवा के बहार
-- अईली छठी मईया
2 (शीतल शीतल अंचरा के छईयां
सुघर सुनर घरवा के ठईंयां)2
डूबस उतरस जहंवा आदित
बिहसत धीरे-धीरे,
(छठ सोभेला संझिया फजीरे)2
गह गह कारे घरवा अंगना
खन खन बाजे कनिया के कंगना
घटवा पावन मन के सोहावे
लचकत दउरा घाट पे जाए
जेतने सोहे ताल तलईया
ओतने गंगा तीरे
(छठ सोभेला संझिया फजीरे)2
(उत्तर से हम उख ले अईनी
दख्खिन से हम दीयरी
पुरुब दिशा से पान कसईली
पच्छिम से हम पियरी)2
मन आ तमके अरख चढा़ये
मांगी घर परिवार
-- अईली छठी मईया
मन आ तमके अरख चढा़ये
मांगी घर परिवार
-- अईली छठी मईया
ओ सुनके मनवा के पुकार
-- अईली छठी मईया
लईली रुपवा के बहार
-- अईली छठी मईया
Comments
Post a Comment