भोजपुरी निर्गुण सोहर और पूर्वी गीत
भोजपुरी निर्गुण
-- एक दिन नदी के तीरे जात रहनी धीरे- धीरे
-- एक बार देखा द भईया माई क सुरतिया
-- ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई
-- ई देह माटी के ह, माटीए में मिल जाई
-- एक डाल दो पंछी बैठा कौन गुरु कौन चेला
-- एक त मो बारी भोरी,आ दूसरे पियावा गइलन
-- कवनी नगरिया मोरा सईंया जी के डेरा
-- काहे माया में भुलाईल बड़ा तोता हो
-- जाने कहां अझुराईल लवटके के ना आईल
-- जहिया बहेलिया, चलईहें आपन तीर हो
-- जहिया हंसा छोड़ी पराई देहिया माटी में मिल जाइ
--- देखली सपनवा राती धडकेले तबसे छाती
-- माई रे दुआरे आईल बाटे कौनो बनिया
-- पोसल चिरईया (पिंजड़ा के छोडी के सुगनवा)
-- फूर्र देनी उड़ जाई पोसल चिरईया
-- लाली लाली डोलिया में चढ़ जईबुउ रानी
-- बारी मोरी अबही उमरिया,सजना सयान हम नादान
-- सईयां गईले कवन कोना, आ देहियां से उतरल
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