पूर्वी निर्गुण - सईयां गईले कवन कोना, आ देहियां से उतरलगायिका - ईन्दु सिंह
।। स्थाई ।।
सईयां गईले कवन कोना, आ देहियां से उतरल रे सोना
सईयां गईले कवन कोना, आ देहियां से उतरल रे सोना
कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ, कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ
अंचरा से कजरा हमरो पोछाईल ए राम
कि सखिया रेऽऽ, अंचरा से कजरा हमरो पोछाईल ए राम)2
।। अन्तरा ।।
1) (सोंची सोंची बिखरता, लामी लामी के सियारे
दसो दिन न रहले संघवा,भईले परदेसिया रे)2
सोंची सोंची बिखरता, लामी लामी के सियारे
दसो दिन न रहले संघवा,भईले परदेसिया रे
कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ,
(कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ
ज़िनगी में बढ़का खेलवना भुलाईल ए राम)2
2) (उतरल रंगीन सडिया, उजरे पेन्हईले रे
कवन सवतिया के, बने खातिर गईले रे)2
उतरल रंगीन सडिया, उजरे पेन्हईले रे
कवन सवतिया के, बने खातिर गईले रे
कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ,
(कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ
पिंजड़ा ले सुगना कईसे पराईल ए राम)2
3) (कह तारे इंदु सुखवा , सटी गईले दुखवा में
भंटवा भिखारी छाया, आवे नाही धूपवा में)2
कह तारे इंदु सुखवा , सटी गईले दुखवा में
भंटवा भिखारी छाया, आवे नाही धूपवा में
कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ,
(कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ
मंगिया के सेनुरा, हमरो पोछाईल हे राम)2
-------पुनः------
सईयां गईले कवन कोना, आ देहियां से उतरल रे सोना
सईयां गईले कवन कोना, आ देहियां से उतरल रे सोना
कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ, कि आ रे सखियाऽ रेऽऽ
अंचरा से कजरा हमरो पोछाईल ए राम
(कि सखिया रेऽऽ, अंचरा से कजरा हमरो पोछाईल ए राम)2
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