Ramayan Bhajan vidhna tere lekh kisi Ko samajh Na aate Hain lyrics bidhna tere lekh kisiki रामायण भजन - विधिना तेरे लेख किसी की समझ ना आते हैं जन जन के प्रिय राम लखन सिया वन को जाते हैं
रामायण भजन - विधिना तेरे लेख किसी की समझ ना आते हैं, जन जन के प्रिय राम लखन सिया वन को जाते हैं
।। मुखड़ा ।।
व्याकुल दशरथ के लगे रथ के पथ पर नैन
रथ विहीन वन- वन फिरे राम सिया दिन रैन
।। स्थाई ।।
विधिना तेरे लेख किसी की समझ ना आते हैं
(जन जन के प्रिय राम लखन सिया वन को जाते हैं)2
हो विधिना तेरे लेख किसी की समझ ना आते हैं
।। अन्तरा ।।
1) (एक राजा के राज दुलरे वन वन फिरते मारे मारे)2
होनी हो कर रहे करम गति टरे नहीं काहु के टारे
सबके कष्ट मिटाने वाले कष्ट उठाते हैं
--(जन जन के प्रिय राम लखन सिया वन को जाते हैं)
हो विधिना ना तेरे लेख किसी की समझ ना आते हैं
2) (उभय बीच सिया सोहती कैसे ब्रह्म जीव बीच माया जैसे
फूलों से चरणों में काँटे विधिना क्यूँ दुःख दिने ऐसे
पग से बहे लहू की धारा हरी चरणों से गंगा जैसे
संकट सहज भाव से सहते और मुसकते हैं
--(जन जन के प्रिय राम लखन सिया वन को जाते हैं)
हो विधिना ना तेरे लेख किसी की समझ ना आते हैं
जन जन के प्रिय राम लखन सिय वन को जाते हैं
जन जन के प्रिय राम लखन सिया वन को जाते हैं
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