छठ गीत - भोरवा जे कुहुके कोयलिया कोईलर सबके जगाए
।। स्थाई ।।
भोरवा जे कुहुके कोयलिया
(कोईलर सबके जगाए)2
लहंगा पटोर पहिरी नीकसी
(धनिया दिहली रीगाई)2
-- भोरवा जे कुहुके कोयलिया
(कोईलर सबके जगाए)2
आऽऽ ऽ आऽऽ ऽऽ आऽऽ
।। अन्तरा ।।
1) (हथवा मे अमर सिन्होरवा
सुभवा घटवा के जाए!
सुभवा घटवा के जाए!
देखि- देखि बिहसे गोतिनिया
कोईलर गइले लजाय!
कोईलर गइले लजाय
-- भोरवा जे कुहुके कोयलिया
(कोईलर सबके जगाए)2
आऽऽ ऽ आऽऽ ऽऽ आऽऽ
2) (रूस जनि अरे-अरे कोईलर
बरतिन ओहे अलुराय!
बरतिन ओहे अलुराय!
नइहरो जे आईली छठी मईया
लिहली हमके बोलाई!
लिहली हमके बोलाई!
-- भोरवा जे कुहुके कोयलिया
(कोईलर सबके जगाए)2
आऽऽ ऽ आऽऽ ऽऽ आऽऽ
3) (कई के बरती छठी माई के
जियरा गइले जुड़ाई!
जियरा गइले जुड़ाई!
दीनानाथ दिहले अशिषिया
गइले सरधा पुराई!
गइले सरधा पुराई!
-- भोरवा जे कुहुके कोयलिया
(कोईलर सबके जगाए)2
लहंगा पटोर पहिरी नीकसी
(धनिया दिहली रीगाई)2
-- भोरवा जे कुहुके कोयलिया
(कोईलर सबके जगाए)2
आऽऽ ऽ आऽऽ ऽऽ आऽऽ
कोईलर सबके जगाए
धनिया दिहली रीगाई
उंँऽ हूं ऽ हूऽऽ हूं ऽ हूऽऽ
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