प्रार्थना - वह शक्ति हमें दो दयानिधे
।। स्थाई ।।
वह शक्ति हमें दो दयानिधे
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें
पर-सेवा पर-उपकार में हम
निज जीवन सफल बना जावें
--वह शक्ति हमें दो दयानिधे
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें
।। अन्तरा ।।
1) (हम दीन-दुखी विकलांगों के
सेवक बन के संताप हरें)
(जो हो अटके, भूले-भटके)2
उनको तारें खुद तर जावें
--(वह शक्ति हमें दो दयानिधे
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें)2
2) (छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ
अन्याय से निशिदिन दूर रहे)
(जीवन हो शुद्ध सरल अपना)2
शुचि प्रेम-सुधा नित बरसावें
--(वह शक्ति हमें दो दयानिधे
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें)2
3) (निज आन-मान, मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे)
(जिस देश-जाति में जन्म लिया)2
बलिदान उसी पर हो जावें
--वह शक्ति हमें दो दयानिधे
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें
-------पुनः------
पर-सेवा पर-उपकार में हम
निज जीवन सफल बना जावें
--(वह शक्ति हमें दो दयानिधे
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें)3
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