निर्गुण - भँवरवा के तोहरा संग जाइ
।। स्थाई ।।
(भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
के तोहरा संग जाइऽ
(भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
।। अन्तरा ।।
1) (आवे के बेरिया सुब केहू जाने
दुअरा पे बाजेला बधाई, बधाई!
दुअरा पे बाजेला बधाई)2
(जाए के बेरिया केहू ना जाने)2
हंसा अकेले उड़(चल) जाई
-- (भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
के तोहरा संग जाइऽ
(भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
2) (देहरी पकड़ी के मेहरी रोए,
बाँह पकड़ी के भाई, भाई!
बाँह पकड़ी के भाई)2
(बीचे अंगनवा माता जी रोवे)2
बबुआ के होखेला बिदाई
-- (भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
के तोहरा संग जाइऽ
(भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
3) (कहत कबीर सुनो भाई साधू
सतगुरु सरन में जाई,जाई!
सतगुरु सरन में जाई)2
(जो यह पद के अर्थ बतइहें)2
जगत पार होइ जाई
-- (भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
के तोहरा संग जाइऽ
(भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
(भँवरवा के तोहरा संग जाइ)2
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