(राम सीता विवाह)
-- आज जनकपुर में मड़वा बड़ा सुहावन लागे
-- आज आई बारात जनक नगरी बाजे बाजे रे शहनाई
-- चारों दूल्हा के आरती उतारू ऐ सखी
-- राम जी से पूछे जनकपुर के नारी। बता दा बबुआ
--- सिया रानी का अचल सुहाग रहे
-- हम तो पाँती लेके आवत बानी पार से (राम सीता विवाह)
-- होला चुमावन आज देखो रे सखी सिया रघुवर के
(शिव पार्वती विवाह गीत)
(अन्य विवाह गीत)
-- अगे माई हरदी हरदिया दूभ पातर ना
-- तार बिजली से पतले हमारे पिया
-- पूरब दिशा से चलले बेटी के बाबू दूल्हा के
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