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vivah geet lyrics haldi geet sagai geet mehandi geet विवाह गीत हल्दी गीत सगाई गीत

(राम सीता विवाह)

-- आज जनकपुर में मड़वा बड़ा सुहावन लागे

-- आज आई बारात जनक नगरी बाजे बाजे रे शहनाई

-- चारों दूल्हा के आरती उतारू ऐ सखी

-- राम जी से पूछे जनकपुर के नारी। बता दा बबुआ

--- सिया रानी का अचल सुहाग रहे

-- हम तो पाँती लेके आवत बानी पार से (राम सीता विवाह)

-- होला चुमावन आज देखो रे सखी सिया रघुवर के

(शिव पार्वती विवाह गीत)
(अन्य विवाह गीत)

-- अगे माई हरदी हरदिया दूभ पातर ना

-- तार बिजली से पतले हमारे पिया

-- पूरब दिशा से चलले बेटी के बाबू दूल्हा के

-- हम मंगलियइ गोरखा गोरखा

द्वार पूजा गीत

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man ki bina se gunjit dhwani manglam lyrics man ki vina se gunjit dhwani mangalam मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम man ki Veena se gunjit dhvni manglam

  स्वागत गीत- मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम ।। स्थायी ।। (मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम )2 (स्वागतम! , स्वागतम! , स्वागतम !, स्वागतम! )4 ।। अन्तरा ।। 1) (कैसा पावन सुहावन समय आज है, आप आये अतिथियों के सरताज हैं,)2 देव की भांति पूजन करें आज हम)2 (स्वागतम , स्वागतम , स्वागतम , स्वागतम )4 ---(मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम )2 स्वागतम! , स्वागतम! , स्वागतम !, स्वागतम!  2) (मन की बगिया से हमने हैं कलियाँ चुनी, श्रद्धा के फूलों से हमने माला बुनी)2 (करते हैं मिलके अर्पित सुमन आज हम)2 (स्वागतम! , स्वागतम! , स्वागतम !, स्वागतम! )2 ---(मन की वीणा से गुंजित ध्वनि मंगलम)2 (स्वागतम! , स्वागतम! , स्वागतम !, स्वागतम! )4 Home 🏠 Sangeet Raag Shashtra    (🎶यहां क्लिक करें ⬇️⬇️ 🎶 Lyrics List भजन🎻 , भोजपुरी भजन , निर्गुण , सत्संग भजन🪕 , प्रार्थना (श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र) , होली , मैथिली , राग , संगीत शिक्षा,बंदिश इत्यादि🎶   🎶यहां क्लिक करें ⬇️⬇️ 🎶 🌿Picture Dictionary📒 - fruits 🍓, vegetables 🥦, flowers🌻, birds🐓 and many more, Accounting, Mathematics, Science, English , English

ya kunde unde tushar har dhawala lyrics with meaning Hindi या कुंदे तुषार हार धवला अर्थ सहित ya kunde Tushar har dhawla

ॐ सरस्वती वंदना - या कुन्देन्दु तुषार हार धवला सरस्वती - वन्दना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या बह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड् यापहा ॥१॥ शुक्लां ब्रह्म विचार सार परमामाद्यां जगद् व्या  वीणा पुस्तक धारिणीमभयदां जाड् यान्धकारापहाम्। हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् वन्दे तां परमेश्वरीं भगवर्ती बुद्धिप्रदां शारदाम् ॥२॥ Saraswati Vandana ya kundeundetusharhardhawala, ya shubhrawashtravrita। Ya veena vardandmanditakara ya swetpadmasna। ya Bramhachyut Shankarprabhritibhirdevai sada vandita। Sa ma patu saraswati bhagwati ni Sheshjaadyapha ।।1।। Shuklam Brahma bichar sar parmamadhyam jagadvya, veena pustak dharinimbhayadam jaadyandhakarapaham। Haste Sfatikamalikam viddhatim padmasne sansthitam, Vande twam parmeshwari bhagwati buddhipradam Shardam।।2।। ------------------ अर्थ के साथ --------------- या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्

khele masane me holi digambar lyrics खेले मसाने में होली दिगंबर

गीत- खेले मसाने में होरी दिगंबर   खेलैं मसाने में होरी दिगंबर खेले मसाने में होरी । भूत पिसाच बटोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। लखि सुंदर फागुनी छटा के, मन से रंग-गुलाल हटा के चिता-भस्‍म भर झोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। गोपन-गोपी श्‍याम न राधा, ना कोई रोक ना कौनऊ बाधा ना साजन ना गोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। नाचत गावत डमरूधारी, छोड़ै सर्प-गरल पिचकारी पीतैं प्रेत-धकोरी दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। भूतनाथ की मंगल-होरी, देखि सिहाएं बिरिज कै गोरी धन-धन नाथ अघोरी दिगंबर खेलैं मसाने में होरी ।।

Nahi bate nariyal chunari Lyrics Surendra Sugam नाहीं बाटे नरियल चुनरी

देवी भजन - नाहीं बाटे नरियल चुनरी गायक - सुरेन्द्र सुगम ------------- मूल लिरिक्स --------------- नाहीं बाटे नरियल चुनरी ऽऽ , नाहीं बाटे अढ़उल फुलवा अरे मोरे रामा, माई के सरनियां भजनियां गाईब हे राम ----------- ।। अंतरा 1 ।। ------------- (होत भिनसहरा जईबय, माई क मंदीरीया धोईबय) (अरे मोरे रामा, सेवादारी कईके सेवकवा कहाईब ये राम ----------- ।। अंतरा 2 ।। ------------- (माई के बहारब अंगना, पूरा होई हमरो सपना)2 (अरे मोरे रामा, घंटवा बजाके माई के जगाईब ये राम)2 ----------- ।। अंतरा 3 ।। ------------- (नाम बा सुरेनदर सुगम, हम नाहीं जानी सरगम)2 (अरे मोरे रामा, माई के सरनियां भजनियां गाईब हे राम)2 -------------------------------------------------------------- ---- गाए गए भजन के अनुसार लिरिक्स ---- -------------------।। स्थायी  ।।------------------ नाहीं बाटे नरियल चुनरी ऽऽ नाहीं बाटे अढ़उल फुलवा अरे मोरे रामा, अरे मोरे रामा ऽऽऽऽ (अरे मोरे रामा, माई के सरनियां भजनियां गाईब हे राम)2 नाहीं बाटे नरियल चुनरी ऽऽ नाहीं बाटे अढ़उल फुलवा अरे मोरे रामा, अरे मोरे रामा ऽऽऽऽ (अरे मोरे रामा, माई के सरनि

tune jivan gawa diya lyrics Hindi तुने जीवन गंवा दिया क्या किया रे

भजन- तुने जीवन गंवा दिया क्या किया रे तुकड्या भजन भजन- तुने जीवन गंवा दिया क्या किया रे तुकड्या भजन ।। स्थायी ।। (तूने जीवन गमा दिया)2 क्या किया रे (जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 (क्या किया, क्या किया, क्या किया रे )2 (जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 ।। अंतरा ।। 1) अमृत को छोड़ा पिता है शराब रे , भगवान के नाम कोऽ भूला ही दिया ,         तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) 2) विषयोके फंदोमे बांधा गया तू , संत समागम को भूल गया , तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) 3) पैसो के खातिर करता मिलावट , निति और नेकी को छोड़ दिया , तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) 4) तनके घमंड से होगी फजीती, तुकड्या कहे सब भूल गया , तूने जीवन गमा दिया क्या किया रे। --(जिसे पाना था उसको तो खो दिया रे)2 --(क्या किया, क्या किया, क्या किया रे ) Home 🏠 Sangeet Raag Shashtra    (🎶यहां क्लि

sri sri thakur anukulchandra satsang prathana and bhajan lyrics सत्संग प्रार्थना और भजन श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंन्द्र

सत्संग प्रार्थना और भजन श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंन्द्र --- प्रार्थना --- (प्रार्थना सुबह 1) राधास्वामी नाम जो गावे सोई तरे (प्रार्थना सुबह 2) बार बार कर जोड़ कर सविनय करु पुकार (प्रार्थना सुबह 3) गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। (प्रार्थना सुबह 4) जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण (प्रार्थना संध्या 1) बार बार करुँ विनती राधास्वामी आगे (प्रार्थना संध्या 2) बार बार कर जोड़ कर सविनय करुँ पुकार (प्रार्थना संध्या 3) गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। (प्रार्थना संध्या 4) जय राधे राधे कृष्ण कृष्ण सत्संग हिन्दी भजन --- अगुणा मन काहे गुमान करे ---  अब तो शरण में आओ गुरु के ---  आए हैं आए हैं असीम आनन्द --- You are for the lord, Not for others --- आज ये मधुमय सत्संग में, परम दयाल आए हैं ---  आया रे प्रिय परम दयारा ---  आज सत्संगी हुए हैं निहाल सखिया ---  आसन सजाई के उनको बिठाई के होगा तेरा ---  ओ मनवा रे ---  ओ मोरी अँखिया तोसेविनति करत हौं ---  ओ रामा क्या किया ठाकुर पिया ,  ---  उदासी मन काहे ना प्रेम करें  ---  उषा कीर्तन - प्रभात यामिनी , उदित दिनमणि ---  कहलाते मेरे ठाक

bar bar kar jor kar lyrics morning prayer thakur anukulchandra प्रातः और सान्ध्यकालीन विनति बार बार कर जोड़ कर)

प्रातः और सान्ध्यकालीन विनति (बार बार कर जोड़ कर) —-------------------------------------------------- बार बार कर जोड़ कर। सविनय करूँ पुकार॥ साध संग मोहि देव नित। परम गुरु दातार ॥ १ ॥ कृपासिंधु समरथ पुरुष। आदि अनादि अपार॥ राधास्वामी परम पितु। मैं तुम सदा अधार ॥ २ ॥ बार बार बल जाऊँ। तनमन वारुं चरण पर ॥ क्या मुखले मैं गाउँ। मेहर करी जस कृपा कर ॥ ३॥ धन्य धन्य गुरुदेव। दयासिंधु पूरण धनी॥ नित करूँ तुम सेव। अचल भक्ति मोहि देव प्रभु ॥४॥ दीन अधीन अनाथ। हाथ गहा तुम आन कर ॥ अब राखो नित साथ। दीन दयाल कृपानिधि ॥ ५ ॥ काम क्रोध मद लोभ। सब विधि अवगुण हार मैं ॥ प्रभु राखो मेरी लाज। तुम द्वारे अब मैं पड़ा ॥ ६ ॥ राधास्वामी गुरु समरथ। तुम बिन और न दुसरा॥ अब करो दया प्रत्यक्ष। तुम दर एती विलंब क्यों ॥७॥ दया करो मेरे साईयां। देव प्रेम की दात ॥ दुख सुख कछु व्यापे नहीं। छूटे सब उत्पात ॥ ८ ॥ _____________पुनः_______________ दया करो मेरे साईयां। देव प्रेम की दात ॥ दुख सुख कछु व्यापे नहीं। छूटे सब उत्पात ॥ बार बार कर जोड़ कर। सविनय करूँ पुकार॥ साध संग मोहि देव नित। परम गुरु दातार ॥ साध संग मोहि देव नित। परम पिता

karpur gouram karuna awtaram pawan singh bhajan lyrics कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम

   (🎶यहां क्लिक करें ⬇️⬇️ 🎶 Lyrics List भजन 🎻, भोजपुरी भजन , निर्गुण , सत्संग भजन 🪕, प्रार्थना (श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र) , होली , मैथिली , राग , संगीत शिक्षा,बंदिश इत्यादि🎶   Home 🏠 Sangeet Raag Shashtra देवी भजन - कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम Singer - पवन सिंह ।। स्थायी ।। कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। ।। श्लोक ।।         ---निशुम्भ शुम्भ गर्जनी, प्रचण्ड मुण्डखण्डिनी। बनेरणे प्रकाशिनी, (भजामि विन्ध्यवासिनी)3 ---त्रिशूल मुण्ड धारिणी, धरा विघात हारिणी। गृहे-गृहे निवासिनी, (भजामि विन्ध्वासिनी)3 ---लसत्सुलोल लोचनं, लतासनं वरप्रदं। कपाल-शूल धारिणी, (भजामि विन्ध्यवासिनी)3 ।। अन्तरा ।। 1) (सृष्टि के रक्षा ला तु लाखों रुप धईलू धरमी के धरम तु ही मईयां बचईलू) 2 गुणगान तोहर करे भोला शंकर शिष झुकावे सृष्टि के स्वामी ---सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भ

guru brahma guru vishnu gurur deo maheshwara prayer guru vandana lyrics गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः।

 सद्गुरु वन्दना गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परम ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन-शलाकया। चक्षुरून्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ स्थावरंजंगमं व्याप्तं येन कृत्स्नं चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ चिद्रुपेण परिव्याप्तं त्रैलोक्यं सचराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ न गुरोरधिकं तत्त्वं न गुरोरधिकं तपः। तत्त्वज्ञानात परं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ मन्नाथः श्रीजगन्नाथो मद्गुरू: श्रीजगद्गुरः। मदात्मा संर्वभूतात्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ गुरुरादिरनादिश्च गुरुः परमदैवतम्। गुरोः परतरं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्त्तिम्। द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादि लक्ष्यम्॥ एकंनित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षीभूतम्। भावातीतं त्रिगुणरहितं सत्गुरुं त्वां नमामि ॥ ------पुनः---- (सत्गुरुं त्वां नमामि ॥)2 ------------------------------- 🏠 Sangeet Raag Shashtra 🌿 list of all content (सभी पोस्ट की सूची)🌿   -----

bar bar karu binati radhaswami aage lyrics Evening Prayer 1 बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे

(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र)  सान्ध्यकालीन विनति बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे॥ दया करो दाता मेरे। चित चरणन लागे ॥१॥ जन्म जन्म रही भूल में। नहिं पाया भेदा ॥ काल करम के जाल में। रहि भोगत खेदा ॥ २ ॥ जगत जीव भरमत फिरें। नित चारों खानी॥ ज्ञानी जोगी पिल रहे। सब मन की घानी ॥ ३ ॥ भाग जगा मेरा आदिका। मिले सतगुरु आई। राधास्वामी धाम का। मोहि भेद जनाई ॥ ४ ॥ ऊँच से ऊँचा देश है। वह अधर ठिकानी ।। बिना संत पावे नहीं। श्रुत शब्द निशानी ॥ ५ ॥ राधास्वामी नाम की। मोहिं महिमा सुनाई ॥ विरह अनुराग जगाय के। घर पहुँचूँ भाई ॥ ६ ॥ साध संग कर सार रस। मैंने पिया अघाई ॥  प्रेम लगा गुरु चरण में। मन शांति न आई ॥ ७ ॥ तड़प उठे बेकल रहूँ। कस पिया घर जाई ॥ दर्शन रस नित नित लंहूँ। गहे मन थिरताई ॥ ८ ॥ सुरत चढ़े आकाश में। करे शब्द बिलासा ॥ धाम धाम निरखत चले। पावे निज घर वासा ॥९॥ यह आशा मेरे मन बसे । रहे चित्त उदासा ॥ विनय सुनो किरपा करो। दीजे चरण निवासा ॥१०॥ तुम बिन कोई समरथ नहीं । जासे माँगू दाना ॥ प्रेमधार बरखा करो। खोलो अमृत खाना ॥ ११ ॥ दीन दयाल दया करो। मेरे समरथ स्वामी॥ शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२