Aj janakpur me madawa lyrics Aaj Janakpur mein madwa bada suhawan Lage हल्दी गीत - आज जनकपुर में मड़वा, बड़ा सुहावन लागे
हल्दी गीत - आज जनकपुर में मड़वा, बड़ा सुहावन लागे
।। स्थाई ।।
आज जनकपुर में मड़वा, बड़ा सुहावन लागे
सीता के चढ़ेला हरदिया, मन भावन लागे
।। अन्तरा ।।
1) हरे हरे बसंवा कटवले जनक राजा
मन में सुनैना माई के, बाजे ला आनंद बाजा
शोर भइले सगरी महलिया
बड़ा सुहावन लागे
------सीता के चढ़ेला हरदिया मन भावन लागे
(आज जनकपुर में मड़वा, बड़ा सुहावन लागे)
2) धनि रे नगरिया के उमड़ल भगिआ
लग ली सुनर सिया के अमर सुहागिया
चऊका पुरावल अंगनवा
बड़ा पावन लागे
------सीता के चढ़ेला हरदिया मन भावन लागे
(आज जनकपुर में मड़वा, बड़ा सुहावन लागे)
3) आँखि के पुतरिया जे , भेजिहें नगरिया
धरती दरकी जईहें गिरीहें बिजुरिआ
झर-झर बरसे नयनवा
जईसे सावन लागे
------सीता के चढ़ेला हरदिया मन भावन लागे
(आज जनकपुर में मड़वा, बड़ा सुहावन लागे)
सीता के चढ़ेला हरदिया, मन भावन लागे
गायिका - कल्पना
।। स्थाई ।।
(आज जनकपुर में मड़वा बड़ा सुहावन लागे)2
।। अन्तरा ।।
1) (हरे हरे बंसवा के मड़वा, छवईले चाचा )1+1chorus
(चौमुख दियवा जराये हो, मनभावन लागे)1+1chorus
-- (आज जनकपुर में मड़वा बड़ा सुहावन लागे)1+1chorus
2) (ईहे मडउवा तरे बेटी के पापा आसन लगावे)1+1chorus
(शुभे शुभे करीहें वियाहवा हो सुहावन लागे)1+1chorus
-- (आज जनकपुर में मड़वा हो मन भावन लागे)1+1chorus
3) (मड़वा के बीचे बीचे कलशा धराईल )1+1chorus
(सखी सब गावे मंगल गीतवा , मन भावन लागे)1+1chorus
-- (आज जनकपुर में मड़वा बड़ा सुहावन लागे)1+1chorus
-- (आज जनकपुर में मड़वा बड़ा सुहावन लागे)1+1chorus
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