सत्संग भजन- परम करुणाघन साधनधन
मालिक दीनदयाल दाता
(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी)
।। स्थायी ।।
परम करुणाघन साधनधन
मालिक दीनदयाल दाता
जगदीश्वर पतितपावन
ठाकुर परमपिता ॥
(मालिक दीनदयाल दाता)2
(परम करुणाघन साधनधन)2
(मालिक दीनदयाल दाता)2
(जगदीश्वर पतितपावन )2
ठाकुर परमपिता ॥
मालिक दीनदयाल दाता)2
।। अन्तरा ।।
1) (दुःख वेदन त्रिताप तापन
रोगशोक प्रभु दूरी करण)2
(नर देहधारी विश्वमोहन)2
सद्गुरु आदिकारण त्राता
----(जगदीश्वर पतितपावन )2
ठाकुर परमपिता ॥
(मालिक दीनदयाल दाता)2----
2) ( नाथ नारायण जीवन सार
वैशिष्ट्यपाली प्राण आधार)2
(शिव सुन्दर प्रेमन् पावन)2
धायक परम इष्ट पाता
----(जगदीश्वर पतितपावन )2
ठाकुर परमपिता ॥
(मालिक दीनदयाल दाता)2----
3) (विश्व भुवन आश्रय चरण
धारण पालन पोषण पूरण)2
(परमेश्वर निखिल प्राण2
पुरुषोत्तम परमदयाल धाता
----(जगदीश्वर पतितपावन )2
ठाकुर परमपिता ॥
(मालिक दीनदयाल दाता)2----
------------
परम करुणाघन साधनधन)2
मालिक दीनदयाल दाता)2
जगदीश्वर पतितपावन )2
ठाकुर परमपिता ॥
मालिक दीनदयाल दाता)4
------------
🌿🌿🎶 और सभी lyrics , राग , संगीत , इत्यादि के बारे में देखने के लिए list पर Click करें।
Comments
Post a Comment