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निर्गुण गीत- हरिहर डोलिया के लालका ओहरवा
गायक - भरत शर्मा व्यास
।। मुखड़ा ।।
" (रात गंवाई सोय के , दिन गवाई खाई)2
हीरा जनम अनमोल था, कौड़ी बदली जाए" )
।। स्थायी ।।
(हरिहर डोलिया के लालका ओहरवा )2
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)2
(हरिहर डोलिया के लालका ओहरवा )2
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)2
।। अन्तरा ।।
1) (बरजे न केहू नाही, छेके ना रोके)2
(जात दुल्हनिया के केहू ना टोके)2
केहू कहे ना तनीऽऽऽ
केहू कहे ना तनीऽऽऽ भेजी है समाचरवा
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)2
हरिहर डोलिया के लालका ओहरवा )
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)2
2) (कंगना आ झुमका कहाईल नथुनिया
अईसन सिंगार भईल कईसन कनीया)2
मथवा पर बिंदियाऽऽ
मथवा पर बिंदियाऽऽ आंख में कजरावा
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)2
3) (दूरे हटेना सटे केहू कगरी
कहियो चले सबु जेकरा के रगरी)2
भईले वीरानाऽऽऽ
भईले वीराना जईसे संगी यरवा
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)2
4) (तीन बार पहले से रहेना धराइल
कईसन रिवाज पहुना के ना बुझाईल)2
केसरी विदाई तबऽऽऽ
केसरी विदाई तब करेना एहरवा
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)
हरिहर डोलिया के लालका ओहरवा )2
(कन्हीया प लेके चलले चरी गो कांहरवा)2
----- जय झारखंड----
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