ॐ रामायण भजन
भजन - राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
गायक- रविंद्र जैन
।। मुखड़ा ।।
"प्रभु कर कृपा पावरी दीन्ही,
सादर भरत शिश धरी लिन्हीं"
।। स्थाई ।।
(राम भक्त ले चला रे, राम की निशानी)2
शीश पर खड़ाऊं अंखियों में पानीऽऽ
----राम भक्त ले चला रे राम की निशानी---
।। अन्तरा ।।
1) शीश खड़ऊं ले चले ऐसे
राम सिया जी संग हो जैसे
अब इनके छांव में रहेगी राजधानी
----राम भक्त ले चला रे राम की निशानी---
2) पल छिन लागे सदियों जैसे
चौदह वर्ष कटेंगे कैसे
जाने समय क्या खेल रचेगा
कौन मरेगा कौन बचेगा
कब रे मिलन के फूल खिलेंगे
नदिया के दो फूल मिलेंगे
जी करता है यही रुक जाए
हिलमिल 14 वर्ष बिताए
रामबिन कठिन है एक घड़ी बितानी
----राम भक्त ले चला रे राम की निशानी---
3) तन मन वचन उमंगी अनुरागा
धीरे धुरंधर धीरज त्यागा
भावना में बह चले धीर वीर ज्ञानी
----राम भक्त ले चला रे राम की निशानी---
शीश पर खड़ाऊं अंखियों में पानीऽऽ
----राम भक्त ले चला रे राम की निशानी---
।। जय श्री राम ।।
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