शिव भजन- पगले बलमवा तोहार ए गउरा
गायक - पवन सिंह
(भोजपुरी भजन)
।। स्थायी ।।
(बाशाहा पे चढी़के आईल बाटे दूल्हा)2
हंसत गऊंवां जहान
पगले बलमुआ तोहार,ए गऊरा सुना!
पगले बलमुआ तोहार
पगले बलमुआ तोहार, ए सखि सुना!
पगले बलमुआ तोहार
।। अन्तरा ।।
1) (गरवा में झूलता अजगर के माला,
पेन्हले पोशाक बाड़े मिरगा के छाला)2
भूतवा परेतवा हो,जुटले बराती
बाटे मचल हाहाकार
----पगले बलमुआ तोहार,ए गऊरा सुना!
पगले बलमुआ तोहार
पगले बलमुआ तोहार, ए सखि सुना!
पगले बलमुआ तोहार
2) (घर ना दुआर बस टूटल पलानी
खाए के ठेकान नाहीं पीयबु का पानी)
ए गौरा!
घर ना दुआर बस टूटल पलानी
खाए के ठेकान नाहीं पीयबु का पानी
(दुखवा न सहे पईबू साच कहतानी )2
हो जाई जिंनगी बेकार
----पगले बलमुआ तोहार,ए गऊरा सुना!
पगले बलमुआ तोहार
पगले बलमुआ तोहार, ए सखि सुना!
पगले बलमुआ तोहार
3) (बारह बरस तपस्या तू कईलू,
फुटले करम बर अईसन तू पईलू)2
( मुन्ना रितेश कहे किस्मत के आगे)
बाटे झुकल संसार
----पगले बलमुआ तोहार,ए गऊरा सुना!
पगले बलमुआ तोहार
पगले बलमुआ तोहार, ए सखि सुना!
पगले बलमुआ तोहार
-----पुनः----
(बाशाहा पे चढी़के आईल बाटे दूल्हा)2
हंसत गऊंवां जहान
(पगले बलमुआ तोहार,ए गऊरा सुना!
पगले बलमुआ तोहार
पगले बलमुआ तोहार, ए सखि सुना!
पगले बलमुआ तोहार)2
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