छठ गीत - छठी माई कइसे करी, राउर बरतिया
गायिका - अक्षरा सिंह
।। स्थाई ।।
(बढ़ेला पानी जस-जस, बहेले अँखियाँ)2
(छठी माई कइसे करी, राउर बरतिया)2
।। अन्तरा ।।
1) (तोहरे कृपा से सारा, जग में अंजोर बा
बाकी अबकी बेर माईं, मनवा ई तोर बाऽ)2
करी द अब भोर टारी! होऽऽ
करी द अब भोर टारी!
संकट के रतिया
(छठी माई कइसे करी, राउर बरतिया)2
हेऽऽ माईऽऽ याऽऽ हेऽऽ माईऽऽ होऽ
2) (पगरी उतारी धईनी, तोहरी चरनीयां
अचरा पसार तेबई मांगेली सरनीयां)2
सरधा पुराद जाईं! होऽऽ
सरधा पुराद जाईं!
बनीके कहंरीया
(छठी माई कइसे करी, राउर बरतिया)2
3) (तोहरे बा राज तिहूं, लोक पर ए मईया
अब त उबार द तू होई जा सहईया)2
भगता तोहार काहे! होऽऽ
भगता तोहार काहे!
काटे दूरगतिया
(छठी माई कइसे करी, राउर बरतिया)2
(छठी माई कइसे करी, राउर बरतिया)2
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