Charo dulha ke aarti utaru a sakhi lyrics charo dulha ke arti utaru e sakhi चारों दूल्हा के आरती उतारू ऐ सखी, राम सिया विवाह गीत
विवाह गीत (राम सिया विवाह) - चारों दूल्हा के आरती उतारू ऐ सखी
।। स्थाई ।।
(चारों दूल्हा के आरती उतारू ऐ सखी)4
चितचोरवा के आरती उतारू ऐ सखी
--(चारों दूल्हा के आरती उतारू ऐ सखी)
।। अन्तरा ।।
1) (दुल्हिन श्री मिथीलेश कुमारी)2
(दूल्हा दुलरुवा श्री अवध बिहारी)2
(भरी भरी नैना निहारु हे सखी)2
--चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी
2) (व्याह विभूषण अंग अंग साजे)2
(मणि मंडप मंगलमय राजे)2
(तन मन धन न्यैछारु हे सखी)2
--चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी
3) (रस बरसत रसिकन सुखकारी)2
(मुसकल मंद मधुर मनहारी)2
(छीन पलहू ना बिसारु हे सभी)2
--चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी
4) (सेहरा मउर नयन कजरारे)2
(प्रेमनिधि प्रेमिन के प्यारे)2
(निसदिन हिय बीच धारु हे सखी)2
--चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी
चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी
-------पुनः------
(चारु दूल्हा के आरती उतारू हे सखी)2
(चित्तचोरवा के आरती उतारू हे सखी)3
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