Mati ke e banal saririya a Bhai Ho kehu kuch leke nahi Jai lyrics माटी के ई बनल सरीरिया ऐ भाई हो केहू कुछ लेके नाही जाई
निर्गुण- ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई
गायक - पवन सिंह
।। स्थाई ।।
माटी के ई बनल सरीरिया
माटी के ई बनल सरीरिया
माटी में मिल जाई
(ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई)
केहू कुछ लेके नाही जाई
--(ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई)
।। अंतरा ।।
1) होऽ ऽ ओऽऽ होऽऽ
(पाप अउरी पुण्य के दुई गो डगरिया
जे बनी जेकर मुसाफिर, मुसाफिर!
जे बनी जेकर मुसाफिर)2
(धर्म राज के धर्म कट्टा पऽऽ)2
नेकी बदि तौलाई
--(ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई)
केहू कुछ लेके नाही जाई
--(ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई)
2) (चार कहरिया बांस के डोलिया
ता पर ललकी चदरिया, चदरिया!
ता पर ललकी चदरिया)2
(सोना जईसन देह के अगिया)2
देला राख बनाई
--(ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई)
केहू कुछ लेके नाही जाई
--(ऐ भाई हो! केहू कुछ लेके नाही जाई)
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