Thakur Saraniya aa ja ho bhaiya Ho jaaiye beda paar Ho lyrics ठाकुर सरनियां आजा हो भईया हो जाई बेड़ा पार हो
सत्संग कीर्तन- ठाकुर सरनियां आजा हो भईया हो जाई बेड़ा पार हो
(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र)
।। स्थाई ।।
अरे! गावेला मनवा तोहार कीर्तनवा
आज झूमेला जग संसार होऽऽ
(ठाकुर सरनियां आजा हो भईया
हो जाई बेड़ा पार होऽऽ)2
--(आजा हो जाई बेड़ा पार होऽ)2
आज हो जाई सबके उद्धार हो
(ठाकुर सरनियां आजा हो भईया
हो जाई बेड़ा पार होऽऽ)2
।। अंतरा ।।
1) (प्रभु के सुरतिया सुंदर लागे, मनवा में भर प्रेम जगावे)2
(प्रभु से होला प्रकाश जगवा, दूर भईल अंधकार हो)2
(ठाकुर से होला प्रकाश हे जगवा, दूर भईल अंधकार हो)2
(कहीं डार- डार!, कहीं पात -पात!)2
कण-कण में तोर सुरतिया हो
--(ठाकुर सरनियां आजा हो भईया
हो जाई बेड़ा पार होऽऽ)2
--(आजा हो जाई बेड़ा पार होऽ)2
आज हो जाई सबके उद्धार हो
(ठाकुर सरनियां आजा हो भईया
हो जाई बेड़ा पार होऽऽ)2
2) (जन जन के जीवन के दुखवा देखी,
ठाकुर लिहले अवतार हो)2
(सब लोगन के आपन बनवलन)2
इ! बड़े तारनहार हो
(अरे गांवं गांवं! बैठे छांव- !)2
गावेली ठाकुर गुनगणवा हो
--(ठाकुर सरनियां आजा हो भईया
हो जाई बेड़ा पार होऽऽ)2
--(आजा हो जाई बेड़ा पार होऽ)2
आज हो जाई सबके उद्धार हो
(ठाकुर सरनियां आजा हो भईया
हो जाई बेड़ा पार होऽऽ)2
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