गीत- आए हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के
।। स्थाई ।।
(आए हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के)3
(मेरे दिल में यूँ ही रहना, हाय)
मेरे दिल में यूँ ही रहना तुम प्यार-प्यार बन के
आए हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के
(आँखों में तुम बसे हो सपने हजार बन के)2
--(मेरे दिल में यूँ ही रहना, हाय)
मेरे दिल में यूँ ही रहना तुम प्यार-प्यार बन के
आए हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के
।। अंतरा ।।
1) (घूँघट में हर कली थी, रंगों में ना ढली थी)2
ना शोख़ थी हवाएँ, ना खुशबू मनचली थी
(आया है अब के मौसम कैसा ख़ुमार बन के)2
--(मेरे दिल में यूँ ही रहना, हाय)
मेरे दिल में यूँ ही रहना तुम प्यार-प्यार बन के
आए हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के
2) (मन का नगर था ख़ाली, सूखी पड़ी थी डाली)2
होली के रंग फीके, बेनूर थी दीवाली
(रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन के)2
--(मेरे दिल में यूँ ही रहना, हाय)
मेरे दिल में यूँ ही रहना तुम प्यार-प्यार बन के
आए हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के
-------पुनः------
(आँखों में तुम बसे हो सपने हजार बन के)2
--(मेरे दिल में यूँ ही रहना, हाय)
मेरे दिल में यूँ ही रहना तुम प्यार-प्यार बन के
आए हो मेरी ज़िंदगी में तुम बहार बन के
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