आरती - श्री गणेश जी की
।। स्थाई ।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
--जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
--माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
।। अंतरा ।।
1) (एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे, मूस की सवारी)2
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा
--जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
--माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
2) (अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया)2
सुर शाम शरण आये सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
--(जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा)2
--(माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा)2
3) (बिनन की लाज राखो शंभू सूत वारी
कामना को पूरा करो जग बली हारी)2
सुर शाम शरण आये सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
--(जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा)2
--(माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा)2
-------पुनः------
--(जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा)2
--(माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा)2
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