mere Thakur ji aye mere dwar re kyu Na nachun main lyrics मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रे क्यों ना नाचूं में
सत्संग भजन- मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रे क्यों ना नाचूं में
।। स्थाई ।।
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार) रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1+1chorus
(मेरे सपने हुए हैं साकार)2 रेऽ
क्यों ना नाचूं में
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1chorus
।। अन्तरा ।।
1) कब से मैं सोचा करती थी, कब आओगे! कब आओगे!
दर्शन को तरसा करती थी, कब आओगे! कब आओगे!
(मेरे हृदय की सुनली पुकार)2 रेऽ क्यों ना नाचूं में
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1+1chorus
2) मन की नजर से तकती थी, मनमोहन को! मनमोहन को!
कैसे भरोसा दिलाऊं अब, अपने मन को! अपने मन को!
(आज खुशियां का नहीं कोई पार)2 रेऽ क्यों ना नाचूं में
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1+1chorus
3) माखन का भोग लगाऊं, सुकर मनाऊं! सुकर मनाऊं! मैं
हाथों से चवर झुलाऊं, सदके जाऊं! सदके जाऊं! मैं
(मेरी सेवा करी स्वीकार)2 रेऽ क्यों ना नाचूं में
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1+1chorus
4) भक्त जनों की विनती सुन, दौडे आते! दौडे आते!
गुण अवगुण का भेद नहीं, मन में लाते! मन में लाते!
(दोष साहिल के बक्से हजार)2 रेऽ क्यों ना नाचूं में
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1+1chorus
-------पुनः------
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1chorus
(मेरे सपने हुए हैं साकार)2 रेऽ
क्यों ना नाचूं में
--(मेरे ठाकुर जी आए मेरे द्वार रेऽ
क्यों ना नाचूं में)1chorus
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