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kehu nahi chhodal chahe apan saririya nirgun lyrics केहू नाहीं छोड़ल चाहे आपन शरीरिया

 

निर्गुण- केहू नाहीं छोड़ल चाहे आपन शरीरिया

।।  दोहा  ।।

मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा। तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मेरा॥

।।  स्थाई  ।।

(जीव अउरी माया के, बा एतना ई अरीया)

(केहू नाहीं छोड़ल चाहे, आपन शरीरिया)3

केहू नाहीं छोड़ल चाहे!

।।  अंतरा  ।।

1) (खटीया प परल- परल भले दूख सही)2 

(बोले के चाहीं बाकी कुछ नाहीं कही)2

(भले पुरान होखे)3 सई के उमिरिया

--(केहू नाहीं छोड़ल चाहे, आपन शरीरिया)3

केहू नाहीं छोड़ल चाहे!

2) (कतनो दवाई- बीरो, उखड़ जाई खोकी)2

(सोचले न होईहें की भईल गति होखी)2

(मुवतो ई नईखे बुढ़वा)2 कहेली मेहरीया

--(केहू नाहीं छोड़ल चाहे, आपन शरीरिया)3

केहू नाहीं छोड़ल चाहे!

3) (बेटा पतोहिया बा सुनेले/पुछले न आई के)2

(जेकरा के जिनगी भर दिहले कमाई के)2

(कुकुरे के कवरा नियर डाल जाली थरीया)2

--(केहू नाहीं छोड़ल चाहे, आपन शरीरिया)3

केहू नाहीं छोड़ल चाहे!

--------- English --------

।।  doha  ।।

mera mujh mein kuchh nahin, jo kuchh hai so tera. tera tujhakaun saumpata, kya laagai hai mera.

।।  sthaee  ।।

(jeev auree maaya ke, ba etana ee areeya)

(kehoo naaheen chhodal chaahe, aapan shareeriya)3

kehoo naaheen chhodal chaahe!

।।  antara  ।।

1) (khateeya pa paral- paral bhale dookh sahee)2 

(bole ke chaaheen baakee kuchh naaheen kahee)2

(bhale puraan hokhe)3 saee ke umiriya

--(kehoo naaheen chhodal chaahe, aapan shareeriya)3

kehoo naaheen chhodal chaahe!

2) (katano davaee- beero, ukhad jaee khokee)2

(sochale na hoeehen kee bheel gati hokhee)2

(muvato ee naeekhe budhava)2 kahelee mehareeya

--(kehoo naaheen chhodal chaahe, aapan shareeriya)3

kehoo naaheen chhodal chaahe!

3) (beta patohiya ba sunele/puchhale na aaee ke)2

(jekara ke jinagee bhar dihale kamaee ke)2

(kukure ke kavara niyar daal jaalee thareeya)2

--(kehoo naaheen chhodal chaahe, aapan shareeriya)3

kehoo naaheen chhodal chaahe!

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ya kunde unde tushar har dhawala lyrics with meaning Hindi या कुंदे तुषार हार धवला अर्थ सहित ya kunde Tushar har dhawla

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bar bar karu binati radhaswami aage lyrics Evening Prayer 1 बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे

(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र)  सान्ध्यकालीन विनति बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे॥ दया करो दाता मेरे। चित चरणन लागे ॥१॥ जन्म जन्म रही भूल में। नहिं पाया भेदा ॥ काल करम के जाल में। रहि भोगत खेदा ॥ २ ॥ जगत जीव भरमत फिरें। नित चारों खानी॥ ज्ञानी जोगी पिल रहे। सब मन की घानी ॥ ३ ॥ भाग जगा मेरा आदिका। मिले सतगुरु आई। राधास्वामी धाम का। मोहि भेद जनाई ॥ ४ ॥ ऊँच से ऊँचा देश है। वह अधर ठिकानी ।। बिना संत पावे नहीं। श्रुत शब्द निशानी ॥ ५ ॥ राधास्वामी नाम की। मोहिं महिमा सुनाई ॥ विरह अनुराग जगाय के। घर पहुँचूँ भाई ॥ ६ ॥ साध संग कर सार रस। मैंने पिया अघाई ॥  प्रेम लगा गुरु चरण में। मन शांति न आई ॥ ७ ॥ तड़प उठे बेकल रहूँ। कस पिया घर जाई ॥ दर्शन रस नित नित लंहूँ। गहे मन थिरताई ॥ ८ ॥ सुरत चढ़े आकाश में। करे शब्द बिलासा ॥ धाम धाम निरखत चले। पावे निज घर वासा ॥९॥ यह आशा मेरे मन बसे । रहे चित्त उदासा ॥ विनय सुनो किरपा करो। दीजे चरण निवासा ॥१०॥ तुम बिन कोई समरथ नहीं । जासे माँगू दाना ॥ प्रेमधार बरखा करो। खोलो अमृत खाना ॥ ११ ॥ दीन दयाल दया करो। मेरे समरथ स्वामी॥ शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२