फिल्म - मीरा बाई
संगीत - पंडित रवि शंकर
स्वर - वाणी जयराम
मीरा भजन- मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
।। स्थाई ।।
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सर मोर मुकुट!
जाके सर मोर मुकुट! मेरो पति सोई
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
।। अंतरा ।।
1) (असुवन जल सींच-सींच प्रेम बेल बोई)2
अब तो बेल फ़ैल गयी,आनंद फल होई
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
2) (तात-मात भ्रात बंधू, आपणो ना कोई)2
(छाड़ गयी कुल की कान ,का करीहे कोई?)2
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
3) (चुनरी के किये टोक, ओढली लिए लोई)2
(मोती-मूंगे उतार, बन-माला पोई)2
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
-------पुनः------
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सर मोर मुकुट!
जाके सर मोर मुकुट! मेरो पति सोई
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
।। स्थाई ।।
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सर मोर मुकुट!
जाके सर मोर मुकुट! मेरो पति सोई
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
।। अंतरा ।।
1) (कोई कहे कारो,कोई कहे गोरो)2
लियो है अँखियाँ खोल
(कोई कहे हलको,कोई कहे भारो)2
लियो है तराजू तौल
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
2) (कोई कहे छाने,कोई कहे छुवने)2
(लियो है बजन्ता ढोल)2
(तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा)2
(दिया है बाजूबंद खोल)
--(मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई)2
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