soch samajh kar chalo re Banda yah sansar Anjana hai lyrics सोच समझकर चलो रे बंदा, ये संसार अंजाना है
सत्संग भजन- सोच समझकर चलो रे बंदा, ये संसार अंजाना है
(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र)
।। स्थाई ।।
सोच समझकर चलो रे बंदा,
(ये संसार अंजाना है!)2
--सोच समझकर चलो रे बंदा,
(ये संसार अंजाना है!)2
(राह कठिन है टेढ़ी-मेढ़ी)2
पलक गिरे बह जाना है, ये संसार अंजाना है!
--(सोच समझकर चलो रे बंदा, ये संसार अंजाना है
ये संसार अंजाना है...
।। अन्तरा ।।
1) (मन चंचल के साथ न पड़ना,
रीत जगत का संघ ना धरना)2
(मोह जाल में उछल-पुलझ कर)2
अंत समय पछताना है! ये संसार अंजाना है!
--(सोच समझकर चलो रे बंदा, ये संसार अंजाना है
ये संसार अंजाना है!
2) (भव जलधारा ऊंची लहरी
पार न पाए अंधी गहरी)2
(काल भंवर में होश गवाया)2
डूब के प्राण गवाना है, ये संसार अंजाना है!
--(सोच समझकर चलो रे बंदा, ये संसार अंजाना है
ये संसार अंजाना है!
3) (सुमिरन करले नाम गुरु का
परम दयाल पुरुषोत्तम का)2
(उद्धाता है जीव जगत का)2
अभय चरण ठिकाना है, ये संसार अंजाना है!
--(सोच समझकर चलो रे बंदा, ये संसार अंजाना है
ये संसार अंजाना है!
-------पुनः------
(राह कठिन है टेढ़ी-मेढ़ी)
पलक गिरे बह जाना है, ये संसार अंजाना है!
--(सोच समझकर चलो रे बंदा, ये संसार अंजाना है
(ये संसार अंजाना है)3
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