dhwani naad Shruti swar komal swar tivra swar ध्वनि नाद श्रुति तथा स्वर क्या होता है कोमल स्वर और तीव्र स्वर क्या होता है
ध्वनि ,नाद , श्रुति तथा स्वर क्या होता है? कोमल स्वर और तीव्र स्वर क्या होता है?
ध्वनि (Sound) किसे कहते हैं?
किसी भी प्रकार की आवाज जो कानों को सुनाई पड़े ध्वनि कहलाती है। किसी वस्तु पर आघात करने से उसमें कंपन्न होता है, और इसी कंपन्न के कारण ध्वनि उत्पन्न होते हैं। जैसे -
1) तंत्र वाद्य में तारों की कंपन्न से ध्वनि निकलती है।
2) तबला तथा ढोलक में चमड़े के कंपन्न से ध्वनि उत्पन्न होती है।
3) मनुष्य में कंठ के भीतर स्वर तंत्रों के कंपन्न से ध्वनि उत्पन्न होती है।
4) बांसुरी, शहनाई में हवा के कंपन्न से ध्वनि आती है।
नाद (nad) क्या होता है?
ध्वनि का ही दूसरा नाम नाद है , परंतु संगीत जगत में संगीत उपयोगी नियमित और स्थिर कंपन्न द्वारा उत्पन्न ध्वनि को नाद कहते हैं। " नाद के बिना स्वर या गीत की सृष्टि संभव नहीं है। "
नाद के प्रकार -
श्रुति (Shruti) किसे कहते हैं?
अब हम जान गए हैं कि ध्वनि का ही दूसरा नाम नाद है, और नादो कि संख्या असंख्य है, इन असंख्य नादो में से हम कुछ ही नादो को सुन सकते हैं और उन्हें स्पष्ट पहचान सकते हैं, (इंसान 20Hz से 2000Hz के बीच की आवृत्ति की आवाज सुन सकते हैं) इस प्रकार संगीत शास्त्रकारो ने सुविधा के अनुसार इन असंख्य नादों में से 22 नादों को चुना जिन्हें स्पष्ट रूप से एक दूसरे से अलग पहचाना जा सकता था, और जिन्हें बजाया जा सकता था, इस प्रकार इन्हीं 22 स्पष्ट नादो को श्रुति कहा गया।
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं, कि वह ध्वनि या नाद जो कानों को साफ-साफ सुनाई दे, तथा जो दूसरी आवाजों से अलग तथा स्पष्ट पहचान जा सके श्रुति कहलाती है।
स्वर किसे कहते हैं ?
गायन तथा वादन में सुविधा और रंजकता को ध्यान में रखते हुए शास्त्रकारों ने 22 श्रुतियों में से 7 श्रुतियों को चुना जिनमें अधिक ठहराव तथा मधुरता थी, इन्हीं 7 श्रुतियों को स्वर की संज्ञा दी गई। और ये 7 श्रुति या स्वर हैं- सा रे ग म प ध नी।
शुद्ध स्वर और विकृत स्वर क्या होता है?
(कोमल और तीव्र स्वर को ही विकृत स्वर कहते हैं)
22 श्रुतियों में से 7 श्रुतियों के अलावा 5 श्रुतियां और चूनीं गई, जिससे संगीत में गायन वादन में और मधुरता आई। इन 5 स्वरों को विकृत स्वर कहा गया। इन 5 विकृत स्वरों का महत्व सभी 7 स्वरों से कम तथा अन्य सभी श्रुतियों से अधिक है, इस तरह स्वर दो प्रकार के हो गए-
स्वरों के प्रकार ?
स्वर दो प्रकार के होते हैं शुद्ध स्वर और विकृत स्वर।
विकृत स्वर- जब स्वर अपनी निश्चित स्थान से नीचे या ऊपर गाये या बजाये जाते हैं। तब उन्हें विकृत स्वर कहते हैं। विकृत स्वर की संख्या 5 हैं। जैसे - रे ग म' ध और नी।
विकृत स्वर भी दो प्रकार के होते हैं -
1) कोमल विकृत और 2) तीव्र विकृत
कोमल विकृत को कोमल स्वर, और तीव्र विकृत को तीव्र स्वर कहते हैं।
कोमल स्वर - जब कोई स्वर अपने शुद्ध अवस्था से नीचे हो, या नीचे गाया बजाया जाता हो, उसे कोमल विकृत स्वर कहते हैं। कोमल स्वर 4 हैं - रे ग ध और नी। कोमल स्वरों को लिखने के लिए स्वर के नीचे एक रेखा खींच देते हैं। जैसे - रे ग ध नी ।
तीव्र स्वर - जब को स्वर अपने शुद्ध अवस्था से ऊपर हो, या ऊपर गाया या बजाया जाता हो, तो उसे तीव्र विकृत स्वर कहते हैं। तीव्र स्वर केवल एक ही है " म' " । तीव्र स्वर को लिखने के लिए तीव्र स्वर के ऊपर खड़ी रेखा का प्रयोग करते हैं। जैसे - म' ।
आंदोलन क्या होता है?
ध्वनि चाहे मधुर हो या अमधुर बिना कंपन के कोई ध्वनि उत्पन्न नहीं हो सकती। संगीत में मधुर ध्वनि का उपयोग होता है, और मधुर ध्वनि के कंपन को आंदोलन कहते हैं।
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