राग केदार
राग केदार
राग केदार, कल्याण थाट का राग है।
थाट के स्वर - सा रे ग म' प ध नी
जाति - औड़व- षाड़व (5-6)
वादी स्वर- म , सम्वादी स्वर - सा
वर्जित स्वर - 1) आरोह में - रे और ग
2) अवरोह में - केवल ग ।
आरोह - सा म प म' प ध नी सां
अवरोह - सां नी ध प, म' प ध प, रे सा
पकड़ - सा म प, म प ध प म, रे सा।
गायन प्रहर - रात्रि का प्रथम प्रहर
न्यास के स्वर - सा म' और प।
विशेष स्वर संगतिया - सा म , ग प , मप धप, म, सा रे सा ।
मिलते जुलते राग - हमीर और कामोद।
राग केदार की अन्य विशेषताएं
1) ग वर्जित है, लेकिन म पर ठहरकर प स्वर पर जाते हुए ग को स्पर्श किया जाता है । जैसे- सा म, गप ।
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