1) राग तथा आश्रय राग क्या होता है?
2) राग के नियम क्या होता है?
3) राग तथा थाट में क्या अंतर होता है?
राग क्या होता है?
स्वरों के आरोह तथा अवरोह से बनी ऐसी सुंदर रचना जिसे सुनकर आनंद की अनुभूति हो राग कहलाते हैं।
--- राग की अन्य परिभाषाएं ---
" राग वह सुन्दर रचना है, जो मनुष्य के कानों को अच्छी लगती है। "
" स्वर और वर्ण से विभूषित ध्वनि जो मनुष्य का मनोरंजन करें राग कहलाता है।"
" राग सुरों के अवरोहन और अवतरण का ऐसा नियम है, जिससे संगीत की रचना की जाती है। "
--- राग के नियम / राग बनाने के नियम ---
1) किसी भी राग में कम से कम 5 और अधिक से अधिक 7 स्वर होना चाहिए। क्योंकि 5 स्वरों से कम का राग नहीं होता।
2) राग की उत्पत्ति थाट से होनी चाहिए।
3) राग में मध्यम (म) अथवा पंचम (प) इन दोनों स्वर में से एक स्वर अवश्य होना चाहिए। यह दोनों स्वर एक साथ कभी वर्जित नहीं होते।
4) किसी भी राग में षड्ज (सा) वर्जित नहीं होना चाहिए। इस प्रकार सा सभी रागों में अनिवार्य है।
5) राग में आरोह - अवरोह तथा वादी स्वर- संवादी स्वर अवश्य होना चाहिए।
6) हर राग की जाति चलन और समय नियमित होना चाहिए।
7) राग में रंजकता अवश्य होनी चाहिए।
--- आश्रय राग क्या होता है? ---
सबसे पहले रागों की रचना हुई थी, उसके बाद पंडित भातखंडे ने अध्ययन के सुविधा के लिए सभी रागों को 10 थाटों में वर्गीकृत कर दिया। थाट रचना करते समय पंडित भातखंडे भिन्न भिन्न स्वरों के 10 रागों को चुना और उनके नाम पर थाट का नाम रखा। इस प्रकार, जिन रागों के नाम पर थाटों के नाम रखे गए हैं, उन्हीं सब रागों को आश्रय राग कहा जाता है।
--- राग तथा थाट में क्या अंतर होता है? ---
1) उत्पत्ति के आधार पर -
थाट की रचना सप्तक से हुई है, जबकि राग की उत्पत्ति थाट से हुई है।
2) स्वरों की संख्या के आधार पर -
थाट में सातों स्वरों का होना आवश्यक है, जबकि राग में 7 से कम स्वर भी हो सकते हैं । जैसे- राग भूपाली में 5 स्वर ही हैं।
3) स्वरों का क्रम -
थाट में सातों स्वर क्रमानुसार होने चाहिए। जैसे- सा रे ग म प ध नि, जबकि राग में स्वरों का क्रम अनुसार होना आवश्यक नहीं है।
4) आरोह तथा अवरोह -
थाट में केवल आरोह होता है , जबकि राग में आरोह तथा अवरोह दोनों का होना आवश्यक है।
5) थाट में रंजकता आवश्यक नहीं, होती क्योंकि थाट को गाया नहीं जाता, जबकि राग में रंजकता आवश्यक है क्योंकि राग को गाया और बजाया जाता है।
6) थाटों का नामकरण किसी विशेष राग से हुई है, जबकि रागों का नामकरण स्वतंत्र रूप से किया गया है।
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