राग भैरवी
राग भैरवी (आश्रय राग)
राग भैरवी, भैरवी थाट का राग है।
थाट के स्वर - सा रे ग म प ध नी
जाति - सम्पूर्ण- सम्पूर्ण (7-7)
वादी स्वर - म , सम्वादी स्वर - सा
आरोह - सा रे ग म प ध नी सां
अवरोह - सां नी ध प म ग रे सा
पकड़ - म ग सा रे सा , ध नी सा
गायन प्रहर - प्रातः काल
राग की प्रकृति - चंचल
न्यास के स्वर - सा ग म और प।
विशेष स्वर संगतिया - ग सा रे सा, ग म प ,ध म ध नी सां रे सां ।
मिलते जुलते राग - बिलासखानी तोड़ी।
राग भैरवी की अन्य विशेषताएं
1) वैसे तो यह सुबह का राग है, लेकिन इसे हर समय गाया या बजाया जाता है ।
2) अक्सर राग भैरवी में 12 हों स्वर का प्रयोग खूब दिया जाता है ।
3) इस राग की प्रकृति चंचल है। अतः इसमें छोटा ख्याल तथा तराना गजल और भजन खूब गाए जाते हैं ।
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