Vadi Samwadi Anuwadi biwadi ur warjit swar kya hota hai वादी स्वर संवादी स्वर अनुवादी स्वर तथा वर्जित स्वर क्या होता है
वादी स्वर, संवादी स्वर, अनुवादी स्वर तथा वर्जित स्वर क्या होता है?
प्रश्न- वादी स्वर क्या होता है?
उत्तर - वह स्वर जो किसी राग में सबसे अधिक प्रयोग होता है, वादी स्वर कहलाता है। वादी स्वर को राग का राजा भी कहा जाता है। स्वर विस्तार के समय वादी स्वर पर बार-बार ठहराव होता है।
प्रश्न- संवादी स्वर क्या होता है?
उत्तर - वह स्वर जो राग में वादी स्वर से कम प्रयोग होता है, परंतु राग में प्रयोग होने वाले अन्य स्वरों से अधिक प्रयोग होता है, संवादी स्वर कहा जाता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि वादी स्वर से थोड़ा कम प्रयोग होने वाले स्वर को संवादी स्वर कहते हैं।
प्रश्न- अनुवादी स्वर क्या होता है?
उत्तर - राग में वादी स्वर तथा संवादी स्वर को छोड़कर अन्य जितने भी स्वर लगते हैं, वे सभी अनुवादी स्वर कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में वादी तथा संवादी स्वर को छोड़कर अन्य सभी स्वर अनुवादी स्वर कहलाते हैं।
प्रश्न- विवादी स्वर क्या होता है?
उत्तर - जो स्वर राग में वर्जित होते हुए भी राग की सुंदरता बढ़ाने के लिए कभी-कभी प्रयोग किया जाता है, वह विवादी स्वर कहलाता है।
जैसे - राग काफ़ी के स्वरों में " ग " और " नी " कोमल प्रयोग होता है, परन्तु राग की सुंदरता बढ़ाने के लिए, इस राग में कभी - कभी शुद्ध " ग " और शुद्ध " नी " का प्रयोग विवादी स्वर के रूप में किया जाता है।
प्रश्न- वर्जित स्वर क्या होता है?
उत्तर - जो स्वर राग में प्रयोग नहीं होता उसे वर्जित स्वर कहते हैं । जैसे - राग भूपाली में ' म ' और ' नी ' का प्रयोग नहीं होता है । अतः उन्हें राग भूपाली के वर्जित स्वर कहेंगे।
राग भूपाली के स्वर
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