शिव भजन- हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ, तीनो लोक में तू ही तू
।। मुखड़ा ।।
" शिव नाम से है, जगत में उजाला
हरी भक्तों के है, मन में शिवाला"
आऽ आऽ ऽऽ आऽऽऽ आऽऽ
।। स्थाई ।।
(हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ, तीनो लोक में तू ही तू
श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री, जीवन भी अर्पण कर दूँ)2
---(हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ, तीनो लोक में तू ही तू)
।। अंतरा ।। 1 ।।
जग का स्वामी है तू, अंतरयामी है तू
मेरे जीवन की अनमिट ,कहानी है तू
तेरी शक्ति अपार, तेरा पावन है द्वार
तेरी पूजा ही मेरा जीवन आधार
धुल तेरे चरणों की ले कर, जीवन को साकार किया
---(हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ, तीनो लोक में तू ही तू)
।। अंतरा ।। 2 ।।
मन में है कामना, और कुछ जानू ना
ज़िन्दगी भर करू , तेरी आराधना
सुख की पहचान दे, तू मुझे ज्ञान दे
प्रेम सब से करूँ, ऐसा वरदान दे
तुने दिया बल निर्बल को,अज्ञानी को ज्ञान दिया
---(हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ, तीनो लोक में तू ही तू)
---------------------------------
(श्रद्धा सुमन मेरा मन बेलपत्री, जीवन भी अर्पण कर दूँ)
---(हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ, तीनो लोक में तू ही तू)
Comments
Post a Comment