देशभक्ति - मैं लड़ जाना मैं लड़ जाना छल्ला सिरते
।। स्थाई ।।
मैं लड़ जाना, मैं लड़ जाना, है लहू में इक चिंगारी
ज़िद से जुनूँ तक है जाना, हर कतरा बोल रहा
(छल्ला सिरते बन के, कफन जद तुरया तन के
मौत नू वज्जाँ मारे वे थर थर कँपदे सारे)2
।। अंतरा ।। 1 ।।
ये दिल की मशालें, जोश से जला के
जलती लपटों को हमने, हाथों में है थाम लिया
है वो कर जाणा, कि सारा ज़माना
फिर देगा मिसाला यारों, सबको अपने नाम दियाँ
मैं लड़ जाना, मैं लड़ जाना, है लहू में इक चिंगारी
ज़िद से जुनूँ तक है जाना, हर कतरा बोल रहा
(छल्ला सिरते बन के, कफन जद तुरया तन के
मौत नू वज्जाँ मारे वे थर थर कँपदे सारे)2
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