शिव भजन - मै तुमको शीश नवाता हूँ
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जहाँ पवन बहे संकल्प लिए, जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं
जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते, भक्ति के सुर में गाते हैं ||
उस देवभूमि के ध्यान से, मै धन्य धन्य हो जाता हूँ
उस देवभूमि के ध्यान से, मै धन्य धन्य हो जाता हूँ ||
है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा,मै तुमको शीश नवाता हूँ ||
मै तुमको शीश नवाता हूँ, और धन्य धन्य हो जाता हूँ
मै तुमको शीश नवाता हूँ, और धन्य धन्य हो जाता हूँ
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ ||
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मांडवे की रोटी और हुड़के की थाप, हर एक मन करता शिवजी का जाप
ऋषि मुनियों की है ये तपोभूमी,इतने वीरों की ये जन्मभूमी ||
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तुम आँचल हो भारत का, जीवन की धूप में छाँव तुम |
तुम आँचल हो भारत का, जीवन की धूप में छाँव तुम
बस छूने से तर जाए, सबसे पवित्र वो पाँव हो तुम ||
बस लिए समर्पण तन मन से, मै देवभूमी में आता हूँ
है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा, मै तुमको शीश नवाता हूँ ||
मै तुमको शीश नवाता हूँ, और धन्य धन्य हो जाता हूँ
मै तुमको शीश नवाता हूँ, और धन्य धन्य हो जाता हूँ |।
मै तुमको शीश नवाता हूँ, और धन्य धन्य हो जाता हूँ
मै तुमको शीश नवाता हूँ, और धन्य धन्य हो जाता हूँ
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ ||
है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा, मै तुमको शीश नवाता हूँ
मै तुमको शीश नवाता हूँ ||
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