satrangi rangon sa Ujjwal sa Pavan Aisa Desh hamara hai lyrics सतरंगी रंगों सा उज्जवल सा पावन ऐसा देश हमारा है
देशभक्ति- सतरंगी रंगों सा, उज्जवल सा पावन , ऐसा देश हमारा है
पहले बिना सरगम के साथ, फिर नीचे बिना सरगम के लिख रहा हूं…
सतरंगी रंगों सा, उज्जवल सा पावन , ऐसा देश हमारा है
चारों दिशाओं में लहरा रहा है, अपना तिरंगा प्यारा
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देवों ने जहां जन्म लिया , और हमको गीता ज्ञान दिया
राम कृष्ण की पावन धरा जहां, कर्म को अपना धर्म कहा
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देश के खातिर जां लूटा दें सिर पर खाते गोलियां
वीरों के बलिदान को करते है हम वंदन सदा
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फहरा दिया दुनिया में ऊंचा, शान से अपना तिरंगा!
अपना तिरंगा! अपना तिरंगा! अपना तिरंगा! अपना तिरंगा!
------------- अब सरगम के साथ --------------
आऽऽ आऽ आऽ आऽ आऽ आऽ
सनी साग मपऽऽ, सानी साप मऽऽ
सानी साम गऽऽ, सानी धनी धप
पधनि धनिसा निसारे सारेग रेगम गमप
(धिम तन, धिम तनन नन)4
पध निनि, धप मप, गम पप, मग सानी, धनि पनि, साग मग , सानि धनि , पधनि पधनि, पध सां- नी- ध- प-
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सतरंगी रंगों सा, उज्जवल सा पावन , ऐसा देश हमारा है
चारों दिशाओं में लहरा रहा है, अपना तिरंगा प्यारा
(जय हिन्द! जय हिन्द! जय हिन्द! जय हिन्द!)2
पगप रेग सारेग² , मरेम सारे निसारे² , गसाग निसा धनिसां²
सानिध निध प- , ध निनि निध प-
पगप रेग सारेग² , मरेम सारे निसारे² , गसाग निसा धनिसां²
सानिध निध प नि सा ग मग सानि साग मप
देवों ने जहां जन्म लिया , और हमको गीता ज्ञान दिया
साधनिसानि- , निसारेसा, सारेगरे , रेग मप मग रेसा निध² प
देवों ने जहां जन्म लिया , और हमको गीता ज्ञान दिया
राम कृष्ण की पावन धरा जहां, कर्म को अपना धर्म कहा
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
आऽऽ आऽ आऽ आऽ आऽ आऽ
सतरंगी रंगों सा, उज्जवल सा पावन , ऐसा देश हमारा है
ऐसा देश हमारा है
आऽऽ आऽ आऽ आऽ आऽ आऽ
ला ला ल ल लललल लाल ला ल….
देश के खातिर जां लूटा दें सिर पर खाते गोलियां
आऽऽ आऽ आऽ आऽ आऽ आऽ
वीरों के बलिदान को करते है हम वंदन सदा
आऽऽ आऽ आऽ आऽ आऽ आऽ
फहरा दिया दुनिया में ऊंचा, शान से अपना तिरंगा!
अपना तिरंगा! अपना तिरंगा! अपना तिरंगा! अपना तिरंगा!
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