महामृत्युंजय मंत्र - शिव शम्भो
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(शिव शम्भो शिव शम्भो, शम्भो करतो सब संभव)4
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
(शिव शम्भो शिव शम्भो, शम्भो करतो सब संभव)4
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बड़े भाग्य से मिला है जीवन,जीव जगत जल थल कण कण,
अंडज पिंडज जड़ चेतन,सब में है शिवमय वंदन,
(शिव शम्भो शिव शम्भो, शम्भो करतो सब संभव)4
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
(शिव शम्भो शिव शम्भो, शम्भो करतो सब संभव)4
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यह भवसागर की उथल पुथल, और कर्मो के लेख अटल,
हर हर दानी ध्यानी ने, तीन लोक शिव विश्व पटल,
(शिव शम्भो शिव शम्भो, शम्भो करतो सब संभव)4
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
(शिव शम्भो शिव शम्भो, शम्भो करतो सब संभव)4
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