apni azadi Ko ham hargij Mita sakte nahin sar kata sakte hain lekin lyrics अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन
देशभक्ति गीत- अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते
।। स्थाई ।।
(अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं)2
सर कटा सकते हैं लेकिन (सर झुका सकते नहीं)2
।। अंतरा ।।
1) (हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है)
हमने ये नेमत पाई है!
सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है
हमने ये दौलत पाई है!
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ
सीनों पे अपने गोलियाँ!
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
--(अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं)
2) (क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने
अहले वफ़ा के सामने!
आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
--(अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं)
3) (वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे
हम साथ चलते जाएंगे!
हर क़दम पर ज़िंदगी का रुख़ बदलते जाएंगे
हम रुख़ बदलते जाएंगे!
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार-ए-वतन
जो कोई गद्दार-ए-वतन!
अपनी ताक़त से हम उसका सर कुचलते जाएंगे
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं
--(अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं)
बंदे मातरम! बंदे मातरम! बंदे मातरम! बंदे मातरम!
4) (हम वतन के नौजवान हैं, (हम से जो टकरायेगा)2
वो हमारी ठोकरों से (खाक में मिल जायेगा)2
वक्त के तुफान में बह जायेंगे जुल्म-ओ-सितम
आसमां पर ये तिरंगा (उम्र भर लहरायेगा)2
जो सबक बापू ने सिखलाया भूला सकते नहीं
--(सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं)2
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