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ye desh hai veer jawano ka, alabelon ka mastano ka lyrics ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का

 

देशभक्ति गीत- ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का

।।  स्थाई  ।।

ओऽऽ ओऽऽ ओऽऽ

ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का

इस देश का यारों, होय!

इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना

।।  अंतरा  ।।

1) (ओऽऽ ओऽऽ ओऽऽ

यहाँ चौड़ी छाती वीरों की, यहाँ भोली शक्लें हीरों की

यहाँ गाते हैं राँझे, होय!

यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में, मचती हैं धूमें बस्ती में

2) (ओऽऽ ओऽऽ ओऽऽ

पेड़ों पे बहारें झूलों की, राहों में कतारें फूलों की

यहाँ हँसता है सावन, होय!

यहाँ हँसता है सावन बालों में, खिलती हैं कलियाँ गालों में

3) (ओऽऽ ओऽऽ ओऽऽ

कहीं दंगल शोख जवानों के, कहीं करतब तीर कमानों के

यहाँ नित नित मेले, होय!

यहाँ नित नित मेले सजते हैं, नित ढोल और ताशे बजते हैं

4) (ओऽऽ ओऽऽ ओऽऽ

दिलबर के लिये दिलदार हैं हम, दुश्मन के लिये तलवार हैं हम

मैदां में अगर हम!

मैदां में अगर हम डट जाएं, मुश्किल है के पीछे हट जाएं

--------- English --------

..  sthaee  ..

o o o

ye desh hai veer javaanon ka, alabelon ka mastaanon ka

is desh ka yaaron, hoy!

is desh ka yaaron kya kahana, ye desh hai duniya ka gahana

..  antara  ..

1) (o o o

yahaan chaudee chhaatee veeron kee, yahaan bholee shaklen heeron kee

yahaan gaate hain raanjhe, hoy!

yahaan gaate hain raanjhe mastee mein, machatee hain dhoomen bastee mein

2) (o o o

pedon pe bahaaren jhoolon kee, raahon mein kataaren phoolon kee

yahaan hansata hai saavan, hoy!

yahaan hansata hai saavan baalon mein, khilatee hain kaliyaan gaalon mein

3) (o o o

kaheen dangal shokh javaanon ke, kaheen karatab teer kamaanon ke

yahaan nit nit mele, hoy!

yahaan nit nit mele sajate hain, nit dhol aur taashe bajate hain

4) (o o o

dilabar ke liye diladaar hain ham, dushman ke liye talavaar hain ham

maidaan mein agar ham!

maidaan mein agar ham dat jaen, mushkil hai ke peechhe hat jaen

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bar bar karu binati radhaswami aage lyrics Evening Prayer 1 बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे

(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र)  सान्ध्यकालीन विनति बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे॥ दया करो दाता मेरे। चित चरणन लागे ॥१॥ जन्म जन्म रही भूल में। नहिं पाया भेदा ॥ काल करम के जाल में। रहि भोगत खेदा ॥ २ ॥ जगत जीव भरमत फिरें। नित चारों खानी॥ ज्ञानी जोगी पिल रहे। सब मन की घानी ॥ ३ ॥ भाग जगा मेरा आदिका। मिले सतगुरु आई। राधास्वामी धाम का। मोहि भेद जनाई ॥ ४ ॥ ऊँच से ऊँचा देश है। वह अधर ठिकानी ।। बिना संत पावे नहीं। श्रुत शब्द निशानी ॥ ५ ॥ राधास्वामी नाम की। मोहिं महिमा सुनाई ॥ विरह अनुराग जगाय के। घर पहुँचूँ भाई ॥ ६ ॥ साध संग कर सार रस। मैंने पिया अघाई ॥  प्रेम लगा गुरु चरण में। मन शांति न आई ॥ ७ ॥ तड़प उठे बेकल रहूँ। कस पिया घर जाई ॥ दर्शन रस नित नित लंहूँ। गहे मन थिरताई ॥ ८ ॥ सुरत चढ़े आकाश में। करे शब्द बिलासा ॥ धाम धाम निरखत चले। पावे निज घर वासा ॥९॥ यह आशा मेरे मन बसे । रहे चित्त उदासा ॥ विनय सुनो किरपा करो। दीजे चरण निवासा ॥१०॥ तुम बिन कोई समरथ नहीं । जासे माँगू दाना ॥ प्रेमधार बरखा करो। खोलो अमृत खाना ॥ ११ ॥ दीन दयाल दया करो। मेरे समरथ स्वामी॥ शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२