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jahan paon me payal hath me kangan ho mathe pe bindiya it happens only in India lyrics जहाँ पाँव में पायल हाथ में कंगन हो माथे पे बिंदिया इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया

 


देशभक्ति गीत- जहाँ पाँव में पायल! हाथ में कंगन!

।।  स्थाई  ।।

जहाँ पाँव में पायल! हाथ में कंगन!

हो माथे पे बिंदिया!

(जहाँ पाँव में पायल! हाथ में कंगन!)3

हो माथे पे बिंदिया!(इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया)2

---(जहाँ पाँव में पायल! हाथ में कंगन!)

हो माथे पे बिंदिया!(इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया)2

।।  अंतरा  ।।

1) (जहां जंग पे जाए सिपाही,तो खुद सजनि तिलक लगाए)2

मुँह से तोह कुछ न बोले, चुपके चुपके नीर बहाए

---(जहां जंग पे जाए सिपाही,तो खुद सजनि तिलक लगाए)2

मुँह से तोह कुछ न बोले, चुपके चुपके नीर बहाए

और अश्कों से अपने, लिखकर भेजे प्यार की चिठ्ठिया

---(इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया)2

2) (जहां दिन निकले सुनकर,श्लोक गुरबानी और अजान)2

जहां मजहब से ऊँचा है, इंसान सारे एक सामान

अरे आंच नहीं है साँच को, चाहे देख ले सारी दुनिया

---(इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया)2

3) (शबरी के खाके बेर,राम ने प्रेम की प्रथा चलाई)2

मीरा ने पीकर जहर का, प्याला प्रीत की रीत निभाई

जहां प्रेम की धुन पे, गोपियों संग नाचे कृष्ण कन्हैया

कहीं होता है रे भैया!

---(इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया)2

4) (सावन के झूले कहीं पे, बैसाखी के मेले)2

लगता है खुद कुदरत, इस धरती पे आकर खेलें

जहां मां से लोरी सुन बिना, बच्चों को न आये निन्दिया

---(इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया)2

5) (प्रेम कहानी मेरे देश की, एक से एक निराली)

(जहां सोहनी ने महीवाल के, खातिर अपनी जान गवाई

जहां रांझे ने, हीर की इक पल न सही जुदायी)2

जहां शिरीन और फरहाद के, इश्क़ में बहिन दूध की नदिया

---(इट हप्पेंस ओनली इन इंडिया)6

--------- English --------

..  sthaee  ..

jahaan paanv mein paayal! haath mein kangan!

ho maathe pe bindiya!

(jahaan paanv mein paayal! haath mein kangan!)3

ho maathe pe bindiya!(it happens only in india)2

---(jahaan paanv mein paayal! haath mein kangan!)

ho maathe pe bindiya!(it happens only in india)2

..  antara  ..

1) (jahaan jang pe jae sipaahee,to khud sajani tilak lagae)2

munh se toh kuchh na bole, chupake chupake neer bahae

---(jahaan jang pe jae sipaahee,to khud sajani tilak lagae)2

munh se toh kuchh na bole, chupake chupake neer bahae

aur ashkon se apane, likhakar bheje pyaar kee chiththiya

---(it happens only in india)2

2) (jahaan din nikale sunakar,shlok gurabaanee aur ajaan)2

jahaan majahab se ooncha hai, insaan saare ek saamaan

are aanch nahin hai saanch ko, chaahe dekh le saaree duniya

---(it happens only in india)2

3) (shabaree ke khaake ber,raam ne prem kee pratha chalaee)2

meera ne peekar jahar ka, pyaala preet kee reet nibhaee

jahaan prem kee dhun pe, gopiyon sang naache krshn kanhaiya

kaheen hota hai re bhaiya!

---(it happens only in india)2

4) (saavan ke jhoole kaheen pe, baisaakhee ke mele)2

lagata hai khud kudarat, is dharatee pe aakar khelen

jahaan maan se loree sun bina, bachchon ko na aaye nindiya

---(it happens only in india)2

5) (prem kahaanee mere desh kee, ek se ek niraalee)

(jahaan sohanee ne maheevaal ke, khaatir apanee jaan gavaee

jahaan raanjhe ne, heer kee ik pal na sahee judaayee)2

jahaan shireen aur pharahaad ke, ishq mein bahin doodh kee nadiya

---(it happens only in india)6

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bar bar karu binati radhaswami aage lyrics Evening Prayer 1 बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे

(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र)  सान्ध्यकालीन विनति बार बार करूँ विनती। राधास्वामी आगे॥ दया करो दाता मेरे। चित चरणन लागे ॥१॥ जन्म जन्म रही भूल में। नहिं पाया भेदा ॥ काल करम के जाल में। रहि भोगत खेदा ॥ २ ॥ जगत जीव भरमत फिरें। नित चारों खानी॥ ज्ञानी जोगी पिल रहे। सब मन की घानी ॥ ३ ॥ भाग जगा मेरा आदिका। मिले सतगुरु आई। राधास्वामी धाम का। मोहि भेद जनाई ॥ ४ ॥ ऊँच से ऊँचा देश है। वह अधर ठिकानी ।। बिना संत पावे नहीं। श्रुत शब्द निशानी ॥ ५ ॥ राधास्वामी नाम की। मोहिं महिमा सुनाई ॥ विरह अनुराग जगाय के। घर पहुँचूँ भाई ॥ ६ ॥ साध संग कर सार रस। मैंने पिया अघाई ॥  प्रेम लगा गुरु चरण में। मन शांति न आई ॥ ७ ॥ तड़प उठे बेकल रहूँ। कस पिया घर जाई ॥ दर्शन रस नित नित लंहूँ। गहे मन थिरताई ॥ ८ ॥ सुरत चढ़े आकाश में। करे शब्द बिलासा ॥ धाम धाम निरखत चले। पावे निज घर वासा ॥९॥ यह आशा मेरे मन बसे । रहे चित्त उदासा ॥ विनय सुनो किरपा करो। दीजे चरण निवासा ॥१०॥ तुम बिन कोई समरथ नहीं । जासे माँगू दाना ॥ प्रेमधार बरखा करो। खोलो अमृत खाना ॥ ११ ॥ दीन दयाल दया करो। मेरे समरथ स्वामी॥ शुकर करूँ गावत रहुँ। नित राधास्वामी ॥ १२