सत्संग भजन- आया रे प्रिय परम दयारा
(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी)
।। मुखड़ा ।।
आया रे प्रिय परम दयारा
(अज डगमग दुिनया सारा)2
हर जीवन प्रकाशित करने
आया रे प्रिय परम दयारा
।। स्थायी ।।
(आया रे प्रिय परम दयारा)2
(अज जगमग दुिनया सारा)2
हर जीवन प्रकाशित करने
आया रे प्रिय परम दयारा
(आया रे प्रिया परम दयारा)1+1Chorus
(अज जगमग दुिनया सारा)1+1Chorus
(हर जीवन प्रकाशित करने)1+1Chorus
(आया रे प्रिया परम दयारा)1+2 Chorus
।। अन्तरा ।।
1) (पार करके हर शोक तपन को
जीवन के हर द्वेष दहन को)2
(निक्षित निर्मल किया निरंतर)2
(हृदय बिहारी ने तमश विदारा)4
कन कन में बसे जीव जगत कर तारा।
----आया रे प्रिया परम दयारा)1+1Chorus
अज जगमग दुिनया सारा)1+1Chorus
हर जीवन प्रकाशित करने1+1Chorus
आया रे प्रिया परम दयारा)1+2 Chorus
2) (देखा न ऐसा प्रेम किसीने
ऐसी दया ना किसी कैसी ने)2
(अमोघ क्षमा शासन है उनका)2
(भवभय शरणा गत का उबारा)4
सबसे न्यारा हैं ठाकुर हमरा
---आया रे प्रिया परम दयारा)1+1Chorus
अज जगमग दुिनया सारा)1+1Chorus
हर जीवन प्रकाशित करने1+1Chorus
आया रे प्रिया परम दयारा)1+2 Chorus
-----पुनः----
आया रे प्रिया परम दयारा)1+1Chorus
अज जगमग दुिनया सारा)1+1Chorus
हर जीवन प्रकाशित करने1+1Chorus
आया रे प्रिया परम दयारा)3+3 Chorus
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