purwang pradhan raag utrang pradhan raag purva raag Uttar raag kya hota hai पूर्वांग प्रधान राग , उत्तरांग प्रधान राग क्या है?पूर्व राग और उत्तर राग क्या होता है?
पूर्वांग प्रधान राग , उत्तरांग प्रधान राग क्या है?
पूर्व राग और उत्तर राग क्या होता है? यहां हम जानेंगे।
पूर्वांग प्रधान राग (पूर्वांग वादी राग) / संध्या वाले राग
जिन रागों का वादी स्वर सप्तक के पूर्वांग अर्थात " सा रे ग म " इन स्वरों में होता है,पूर्वांग प्रधान राग कहे जाते हैं। ऐसे राग प्रायः दिन के पूर्व भाग यानी 12:00 बजे दिन समय 12:00 बजे रत्रि तक के समय में गाय बजाए जाते हैं। जैसे- 'राग भूपाली '
एक पूर्वांग प्रधान राग है, क्योंकि राग भूपाली का वादी स्वर "ग" है, जो सप्तक के पूर्वांग अर्थात " सा रे ग म " इन स्वरों में ही है।
उत्तरांग प्रधान राग ( उत्तरांग वादी राग) / सुबह वाले राग
जिन रागों का वादी स्वर सप्तक के उत्तरांग में अर्थात " प ध नी सां" इन स्वरों में कोई होता है,तो वह राग उत्तरांग प्रधान राग कहलाता है। ऐसे राग प्रायः दिन के उत्तर भाग में अर्थात 12:00 बजे रात्रि से 12:00 बजे दिन तक ही गए बाजार जाते हैं । जैसे - "राग देशकर " एक उत्तरांग प्रधान राग है, क्योंकि राग देशकर का वादी स्वर "ध" है, जो सप्तक के उत्तरांग अर्थात " प ध नी सां" में से है।
पूर्व राग (AM वाले राग)
12:00 बजे दिन से 12:00 रात्रि तक के समय में, गाया बजाया जाने वाले राग, पूर्व राग कहे जाते हैं।
उत्तर राग (PM वाले राग)
12:00 बजे रात्रि से 12:00 बजे दिन तक के समय में, गाया बजाया जाने वाले राग उतरा कहे जाते हैं।
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