prabhu ke saran me aja ho bhaiya aaj manwa rahe behal lyrics प्रभु के शरण में आजा हो भइयाँ आज मनवा रहे बेहाल
कीर्तन - प्रभु के शरण में आजा हो भइयाँ आज मनवा रहे बेहाल हो(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी)
।। मुखड़ा ।।
प्रभु के शरण में आजा हो भइयाँ
ठाकुरजी भइले विराज हो
(अरे) जिनके दर्शन करे खातिर
मनवा रहे बेहाल हो
।। स्थायी ।।
-- (आज मनवा रहे बेहाल हो, मनवा रहे बेहाल हो)
(मनवा रहे बेहाल हो)2+2chorus
(प्रभु के चरण बिना, प्रभु के शरण बिना
मनवा रहे बेहाल हो) 2+2chorus
।। अंतरा ।।
1) (कीर्तन गाई झुम के भइयाँ, ले ल तू सतनाम) 2
(हाथ पसारे प्रेम लुटाने, आए श्री भगवान!) 2
(शरण में आना! न फिर पछताना!) 2+2chorus
कि अब ये शुभ घरी, बीत ना जाए रे भइयाँ
---(आज मनवा रहे बेहाल हो, मनवा रहे बेहाल हो)
(मनवा रहे बेहाल हो)2+2chorus
---(प्रभु के चरण बिना, प्रभु के शरण बिना
मनवा रहे बेहाल हो) 2+2chorus
2) (सोहनी सुरतिया मन को लुभावे
मोहनी मूरतिया सबको रिझावे) 2+2chorus
(आज प्रेम में पड़के तोहरे शरण,लागे भकतन के अम्बार।)2
(ठाकुर मेरे नामी! हे अन्तर्यामी!)2+2chorus
( उन्हें अंतर में, रख पाओ रे भइयाँ )
---(आज मनवा रहे बेहाल हो, मनवा रहे बेहाल हो)
(मनवा रहे बेहाल हो)2+2chorus
---(प्रभु के चरण बिना, प्रभु के शरण बिना
मनवा रहे बेहाल हो) 2+2chorus
-----पुनः----
---(आज मनवा रहे बेहाल हो, मनवा रहे बेहाल हो)
(मनवा रहे बेहाल हो)2+2chorus
-------------मुख्य लिरिक्स-------------
।। स्थायी ।।
प्रभु के शरण में आजा हो भइयाँ
ठाकुरजी भइले विराज हो
(अरे) जिनकर दर्शन करे खातिर
मनवा रहे बेहाल हो
प्रभु के चरण बिना
प्रभु के शरण बिना
मनवा रहे बेहाल
1) (कीर्तन गाई झुम के भइयाँ
ले ले तू सतनाम
हाथ पसारे प्रेम लुटाने
आए (श्री) है भगवान!
शरण में आना
न फिर पछताना
कि अब ये शुभ घरी
बीत ना जाए रे भइयाँ ॥
बीत ना जाए रे भइयाँ
2) (सोहनी सुरतिया मन के लुभाईल
मोहनी मूरतिया सबके रिझाईल
(अब) प्रेम में पड़के तोहरे शरण
लगे भकतन के अम्बार।
ठाकुर मेरे नामी
हे अन्तर्यामी (अब) उन्हें अंतर में
रख पाओ रे भइयाँ ॥
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