शिव भजन- तेरे दर पे देखा शहंशाह बनते फकीर को
गायक- रितेश पांडे
।। स्थायी ।।
(कालों का काल महाकाल करूं पूजा
तेरे जैसा देव तीनो लोक में ना दूजा)2
चाहे खुशियां या गम तेरे चरणों में हम
तू बदलता है हाथों की लकीर को
तेरे दर पे! बाबा दर पे!
(तेरे दर पे! देखा शहंशाह बनते फकीर को)2
महादेव ऽऽऽ
।। अन्तरा ।।
1) (तेरे जैसा दानी नाहीं,दुनिया जहान में
सोने की लंका दे दी रावण को दान में)2
होता ना है विफल, तेरी पूजा का फल
तू ही लिखता है भोले तकदीर को
---तेरे दर पे! तेरे दर पे!
(तेरे दर पे! देखा शहंशाह बनते फकीर को)2
2) (करलो स्वीकार लाए श्रद्धा सुमन है ऽऽऽ
आया रितेश दर पे अजय वचन है) 2
करलो स्वीकार लाए श्रद्धा सुमन है
तेरे पुजारी आए तेरे शरण हैं
सर पे भोलेनाथ, रख दे अपना हाथ
तुड़ पाऊं में सारे जंजीर को
---तेरे दर पे! बाबा दर पे!
(तेरे दर पे! देखा शहंशाह बनते फकीर को)2
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